दूसरे धर्म में शादी करके फंस गई युवती, 3 दिन में 2 बार भेजी गई अस्पताल, सामने आई ये कहानी

महिला ने मीडिया को बताया कि कानून लागू होने से चार महीने पहले उसने शादी की थी। लेकिन, पुलिस ने उसे रोका नहीं। उसे जिले के एक महिला आश्रय में भेज दिया गया। वहीं, सरकार ने उन रिपोर्टों का खंडन किया है कि महिला का आश्रय स्थल पर गर्भपात हुआ था।

Asianet News Hindi | Published : Dec 15, 2020 3:44 AM IST / Updated: Dec 15 2020, 10:14 AM IST

मुरादाबाद ( Uttar Pradesh) । नए धर्मांतरण विरोधी कानून लागू होने के बाद एक हिंदू-मुस्लिम जोड़े के लिए मुसीबत बन गया है। आरोप है कि जब वो शादी के लिए रजिस्ट्रेशन कराने गई थी तो उसे, उसके पति और देवर को गिरफ्तार कर लिया गया था। इस दौरान महिला के साथ बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने धक्का-मुक्की की थी। इसके बाद युवती को शेल्टर होम भेज दिया गया। जहां उसका गर्भपात (Miscarriage) होने की खबर सामने आई है। हालांकि पुलिस का कहना है कि लड़की का गर्भपात होने की खबर गलत है। उसके गर्भ में पल रहा तीन महीने का बच्चा सुरक्षित है। 

यह है पूरा मामला
मुरादाबाद के 22 वर्षीय राशिद अली की 22 वर्षीय पिंकी से देहरादून (उत्तराखंड) में मुलाकात हुई थी, जो कि बिजनौर की हैं। राशिद के 25 वर्षीय भाई सलीम अली को भी गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि राशिद ने पिंकी के साथ जुलाई में शादी की थी। उस समय पिंकी ने इस्लाम धर्म कबूल कर लिया था। 5 दिसंबर को अपनी शादी को पंजीकृत करवाने के लिए गई थी, जब वह, उसके पति और भाई को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा रोका गया था। आरोप है कि पुलिस के पास घसीटा गया। जिसका वीडियो भी वायरल हुआ था। साथ ही दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।

महिला ने किया ये दावा
महिला ने मीडिया को बताया कि कानून लागू होने से चार महीने पहले उसने शादी की थी। लेकिन, पुलिस ने उसे रोका नहीं। उसे जिले के एक महिला आश्रय में भेज दिया गया। वहीं, सरकार ने उन रिपोर्टों का खंडन किया है कि महिला का आश्रय स्थल पर गर्भपात हुआ था।

(आरोपी युवक की मां)

तीन माह की गर्भवती थी महिला
राज्य में बाल अधिकार पैनल के प्रमुख विश्वेश गुप्ता ने कहा कि महिला को रविवार को छुट्टी दे दी गई थी। उस समय वह तीन महीने की गर्भवती थी। लेकिन एक न्यूज चैनल के रिपोर्ट्स केमुताबिक महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पेट में दर्द की शिकायत के बाद उसे रविवार को फिर से अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जब उसे छुट्टी मिली, उसके बाद कुछ ही समय में उसे स्पॉटिंग, रक्तस्राव और पेट में दर्द की शिकायत हुई। मुरादाबाद के जिला अस्पताल में चिकित्सा अधीक्षक सुनीता पांडे ने कहा है कि ब्लीडिंग भी बंद हो गई है। यहां (अस्पताल में) आने के बाद उसे ब्लीडिंग नहीं हुई। वह सोमवार दोपहर तक अस्पताल में थी।

 

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