विज्ञापन देकर अस्पताल ने कहा- कोरोना टेस्ट से पहले मुस्लिमों का इलाज नहीं करेंगे, विवाद बढ़ा तो मांगी माफी

मेरठ के वेलेंटिस कैंसर अस्पताल ने एक समाचार पत्र में विज्ञापन जारी किया। वेलेंटिस कैंसर अस्पताल ने अपने विज्ञापन में कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए यह अस्पताल धर्म विशेष के भाइयों से अनुरोध करता है कि यदि उन्हें हॉस्पिटल आना हो, तो खुद और एक तीमारदार की जांच कराएं। जांच रिपोर्ट निगेटिव हो, तभी अस्पताल आएं। कोरोना महामारी जारी रहने तक यह नियम प्रभावी रहेगा। 
 

Ankur Shukla | Published : Apr 19, 2020 11:16 AM IST

मेरठ (Uttar Pradesh) । कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। समाज में इसे लेकर सद्भाव बना रहे के लिए जागरूकता अभियान चला रही है। लेकिन, दूसरी ओर बैलेंटिस कैंसर हॉस्पिटल ने एक अखबार में विज्ञापन प्रकाशित कराकर सनसनी फैला दी। इस विज्ञापन के मुताबिक अस्पताल प्रशासन ने कोरोना महामारी का खतरा बताते हुए मुस्लिमों के इलाज पर पाबंदी लगा दी। वहीं, अखबार में प्रकाशित यह विज्ञापन जब सोशल मीडिया में वायरल हुआ तो स्थानीय जागरूक नागरिकों ने इसकी निंदा करनी शुरू कर दी। इसके बाद अस्पताल ने दोबारा अखबार में स्पष्टीकरण देकर माफी मांग ली है। हालांकि खबर है कि हॉस्पिटल प्रशासन के खिलाफ प्रशासन कार्रवाई की तैयारी में है।

यह है पूरा मामला
मेरठ के वेलेंटिस कैंसर अस्पताल ने एक समाचार पत्र में विज्ञापन जारी किया। वेलेंटिस कैंसर अस्पताल ने अपने विज्ञापन में कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए यह अस्पताल धर्म विशेष के भाइयों से अनुरोध करता है कि यदि उन्हें हॉस्पिटल आना हो, तो खुद और एक तीमारदार की जांच कराएं। जांच रिपोर्ट निगेटिव हो, तभी अस्पताल आएं। कोरोना महामारी जारी रहने तक यह नियम प्रभावी रहेगा। 

वायरल हुआ विज्ञापन तो मांगी माफी
वेलेंटिस कैंसर अस्पताल का यह विज्ञापन जारी होने के बाद हड़कंप मचा। सोशल मीडिया में अखबार में छपा विज्ञापन वायरल किया जाने लगा। इसके बाद अस्पताल की तरफ से दोबारा विज्ञापन देकर स्पष्टीकरण देते हुए माफी मांग ली। अस्पताल ने सभी धर्म-समुदाय के लोगों से माफी मांगते हुए विज्ञापन में कहा कि आगे से किसी की भावना को ठेस नहीं पहुंचे, इसका ख्याल रखा जाएगा।

Share this article
click me!