उत्तर प्रदेश के कानपुर शूटआउट मामले में गैंगस्टर विकास दुबे के गैंग के साथी उमाकांत शुक्ला ने शनिवार को चौबेपुर थाने में सरेंडर कर दिया। उस पर 50 हजार का इनाम घोषित था। उमाकांत सुबह पत्नी और बेटी के साथ थाने पहुंचा
कानपुर(Uttar Pradesh). उत्तर प्रदेश के कानपुर शूटआउट मामले में गैंगस्टर विकास दुबे के गैंग के साथी उमाकांत शुक्ला ने शनिवार को चौबेपुर थाने में सरेंडर कर दिया। उस पर 50 हजार का इनाम घोषित था। उमाकांत सुबह पत्नी और बेटी के साथ थाने पहुंचा। गले में एक तख्ती टांग रखी थी, जिस पर लिखा था-‘‘मेरा नाम उमाकांत शुक्ला उर्फ गुड्डन पुत्र मूलचंद शुक्ला निवासी बिकरू थाना चौबेपुर है। मैं बिकरू कांड में विकास दुबे के साथ शामिल था। मुझे पकड़ने के लिए रोज पुलिस तलाश कर रही है, जिससे मैं बहुत डरा हुआ हूं। मुझे बहुत आत्मग्लानि है। मैं खुद पुलिस के सामने हाजिर हो रहा हूं। मेरी जान की रक्षा की जाए, मुझ पर रहम किया जाए।’’
बता दें कि कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में गैंगस्टर विकास दुबे और उसके साथियों ने दबिश देने गए पुलिसवालों पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थीं। इस गोलीकांड में 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। मामले में पुलिस ने विकास समेत उसके 7 साथियों को एनकाउंटर में मार गिराया था जबकि आधा दर्जन लोग सलाखों के पीछे भेजे जा चुके हैं। इसी मामले में उस गोलीकांड में विकास दुबे के साथ शामिल रहा उमाकांत शुक्ला फरार चल रहा था जिसने शनिवार को चौबेपुर थाने में सरेंडर कर दिया।
खुद ही कहने लगा गिरफ्तार कर लो मुझे, बख्श दो मेरी जान
पत्नी और बेटी के साथ थाने पहुंचा उमाकांत शुक्ला खुद ही गले में तख्ती टांग कर थाने पहुंच गया. पुलिसकर्मी कुछ देर तो उमाकांत को पहचान ही नहीं पाए। फिर जब खुद ही कहने लगा कि मैं उमाकांत हूं और विकास दुबे के साथ उस रात घटना को अंजाम दिया था। मुझे गिरफ्तार कर लो और मेरी रक्षा करो, इतना सुनते ही पुलिस हरकत में आ गई और उसे हिरासत में ले लिया।
बेटी बोली- मेरे पापा को माफ कर दीजिए
उमाकांत की बेटी छवि ने थाने में अधिकारियों से कहा कि मेरे पापा को माफ कर दीजिए। वे हाजिर होने आए हैं। आप लोगों की शरण में आए हैं। मेरे पापा को बख्श दिया जाए। पूछताछ में उमाकांत ने बताया कि घटना वाली रात वह अमर दुबे, अतुल दुबे, प्रेमकुमार, प्रभात मिश्रा, हीरू, शिवम, जिलेदार, राम सिंह, रमेशचन्द्र, गोपाल सैनी, अखिलेश मिश्रा, विपुल, श्यामू ,राजेन्द्र मिश्रा, बाल गोविंद दुबे, दयाशंकर अग्निहोत्री और विकास दुबे के साथ छत पर था। पुलिसवालों के आते ही ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। गैंग के लोग पुलिसवालों के हथियार लूट कर ले गए थे। मैं पुलिस के डर से भाग गया था।