खबर मिलने पर डीएम वैभव श्रीवास्तव भी मौके पर पहुंच गए। वहां वनाधिकारी और कर्मचारियों के साथ बातचीत कर उन्हें जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए। फिलहाल पूरी वनविभाग की टीम सूर्य अस्त होने का इंतजार कर रही है, क्योंकि वह समय बाघ को खदेड़ने का सबसे बेहतर समय होता है।
पीलीभीत (Uttar Pradesh) । आपने ट्रैक्टर पर उछलकर बाघ को बैठते हुए फिल्मों में देखा होगा। लेकिन, टाइगर रिजर्व की माला रेंज से सटे गांव जरी में बाघ ने कुछ ऐसा ही देखने को मिला। जहां वन विभाग के आलाधिकारी बाघ को जंगल की ओर खदेड़ने का प्रयास कर रहे थे कि अचानक हमलावर हो गया। इस दौरान उसने ट्रैक्टर पर चढ़कर वन कर्मचारियों पर हमला कर दिया। कर्मचारियों ने जब शोर-शराबा किया तो बाघ ट्रैक्टर से उतरकर फिर से झाड़ियों में जाकर छिप गया। फिलहाल पूरी वन विभाग की टीम सूर्य अस्त होने का इंतजार कर रही है, क्योंकि वह समय बाघ को खदेड़ने का सबसे बेहतर समय होता है।
यह है पूरा मामला
बाघ ने सुबह के समय खेत जा रहे 3 किसानों पर हमला कर घायल कर दिया था, जिन्हें गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। साथ ही बाघ को पकड़ने के लिए ऑपरेशन चलाया गया। जिसकी कमान पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल खुद संभाल रहे थे। वहीं, खबर मिलने पर डीएम वैभव श्रीवास्तव भी मौके पर पहुंच गए। वहां वनाधिकारी और कर्मचारियों के साथ बातचीत कर उन्हें जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए। फिलहाल पूरी वनविभाग की टीम सूर्य अस्त होने का इंतजार कर रही है, क्योंकि वह समय बाघ को खदेड़ने का सबसे बेहतर समय होता है।
एक माह पहले यहीं से पकड़ा गया था बाघ
बता दें कि एक माह पहले इसी इलाके में एक आदमखोर बाघ ने अपना आतंक बना रखा था, जिसको वन विभाग ने बड़ी मशक्कत के साथ पकड़ा था। उसे कानपुर के चिडियाघर भेंजा गया था।