
प्रयागराज। बाघम्बरी पीठ (Baghamnbari Peeth) के महंत व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bhartiya Akhada parishad) के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी (Mahant Narendra Giri) इन दिनों कुंभ-2025 की तैयारियों में जुटे थे। रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत के बाद अखाड़ों के प्रमुख व साधु-संत स्तब्ध हैं।
दरअसल, महंत नरेंद्र गिरी एक तेज-तर्रार और तेवर वाले संत थे। वह सत्ता के सामने कभी नतमस्तक नहीं हुए और अखाड़ों व संत समाज के लिए हमेशा एकजुट रहते थे।
कुंभ में अखाड़ों को एक-एक करोड़ की मदद दिलाई
हरिद्वार कुंभ में भी अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने अखाड़ों को आर्थिक सहायता दिलाई थी। हरिद्वार कुंभ के दौरान महंत नरेंद्र गिरी काफी सक्रिय थे। महंत नरेंद्र गिरी ने अखाड़ों के लिए सरकार से पांच-पांच करोड़ रुपये सहायता की मांग उस समय की थी। यह इसलिए ताकि कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अखाड़ों में व्यवस्था की जा सके।
लेकिन उत्तराखंड सरकार के तत्कालीन सीएम ने इनकार कर दिया। इसके बाद अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी अपने सभी अखाड़ों के साथ एकजुटता दिखाते हुए तेवर में आ गए। आलम यह कि सरकार को उनसे बातचीत करनी पड़ी और फिर सभी अखाड़ों को एक-एक करोड़ रुपये की सहायता मिली।
यह भी पढ़ें: महंत नरेंद्र गिरी की रहस्यमय मौत के बाद बोले आनंद गिरी-यह गहरा षड़यंत्र, मेरी भी हो सकती है हत्या
हरिद्वार में दोबारा बने थे अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष
महंत नरेंद्र गिरी अखाड़ा परिषद के दोबारा अध्यक्ष चुने गए थे। दस अक्टूबर 2019 को हरिद्वार में अखाड़ा परिषद की सभा में उनको सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया था। यह बैठक कनखल के बड़ा उदासीन अखाड़ा परिसर में हुई थी। इसमें महंत नरेंद्र गिरी को अध्यक्ष और हरि गिरी को महामंत्री चुना गया था।
यह भी पढ़ें:
उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।