कोरोना से लड़ाई के लिए बलिदान को तैयार ये शख्स, रिसर्चर को दान देना चाहता है अपना शरीर

Published : Apr 07, 2020, 09:23 AM ISTUpdated : Apr 07, 2020, 09:28 AM IST
कोरोना से लड़ाई के लिए बलिदान को तैयार ये शख्स, रिसर्चर  को दान देना चाहता है अपना शरीर

सार

हरकीरत सिंह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में लखीमपुर में बतौर जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक अपनी सेवाएं दे चुके हैं। साथ ही राष्ट्रीय युवा पुरस्कार भारत सरकार की तरफ से पुरस्कृत भी किए गए हैं। वह वर्तमान में प्रयागराज में अपने गांव में अपने पिता और भाई के साथ रह रहे हैं।

लखनऊ (Uttar Pradesh) । कोरोना वायरस को लेकर लोग दहशत की चपेट में हैं। लेकिन, इस समय कुछ लोग दूसरों की प्रेरणा बनकर खड़े हो रहे हैं। इनमें सबसे आगे नाम आ रहा है प्रयागराज निवासी हरकीरत सिंह का, जिन्होंने इस जानलेवा वायरस के इलाज के लिए हो रहे शोध के लिए अपनी देह को दान में देने की घोषणा की है। ​उन्होंने इस संबंध में सांसद, विधायक, मुख्य सचिव, जिलाधिकारी, मिशन निदेशक को पत्र भी भेजा है। बता दें कि 44 साल के ​हरकीरत सिंह राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से भारत सरकार की तरफ से सम्मानित भी किए गए हैं। वह वर्तमान में प्रयागराज में अपने गांव में अपने पिता और भाई के साथ रह रहे हैं।

पत्र में लिखी है ये बातें
पत्र में हरकीरत ने लिखा है कि वायरस कोविड-19 यानि कोरोना के प्रकोप से पूरी दुनिया ग्रस्त है। प्रत्येक दिन लाखों लोग इस महामारी से संक्रमित और हजारों लोग बेमौत मारे जा रहे हैं। ऐसे में देश के नागरिक होने के नाते राष्ट्रहित में आश्वसत करता हूं कि यदि वायरस कोविड-19 महामारी की वैक्सीन परीक्षण व शोध के लिए मानव शरीर की आवश्यकता पड़ती है तो मैं समर्पित करने की सहमति देता हूँ। पत्र के अंत में उन्होने लिखा है कि ‘देह शिवा बर मोहे ईहे, शुभ करमन ते कभुं न टरूँ ’।

मानव परीक्षण से गुजरने के बाद ही नया टीका संभव 
एक समाचार पत्र के मुताबिक हरकीरत बताया कि यह सत्य है कि भारत समेत कई देशों इस बीमारी के इलाज के लिए लगातार शोध जारी हैं। इस कार्य में सहयोग के लिए मैं अपना एक छोटा सा योगदान देना चाहता हूं। कोरोना भविष्य में पूरे विश्व में कितना घर तबाह करेगा इसका कोई अंदाजा लगा पाना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि मानव परीक्षण से गुजरने के बाद ही एक नया टीका संभव है, मैं पहला मानव बनने के लिए तैयार हूं। भारत में या विदेश में जहां भी आवश्यक हो, मुझ पर इसका परीक्षण किया जा सकता है।
 
भारत सरकार से सम्मानित हैं हरकीरत
हरकीरत सिंह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में लखीमपुर में बतौर जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक अपनी सेवाएं दे चुके हैं। साथ ही राष्ट्रीय युवा पुरस्कार भारत सरकार की तरफ से पुरस्कृत भी किए गए हैं। वह वर्तमान में प्रयागराज में अपने गांव में अपने पिता और भाई के साथ रह रहे हैं।

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