संगम में उमड़ा आस्था का सैलाब, पौष पूर्णिमा पर स्नान से शुरू हुआ माघ मेला, 32 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

पौष पूर्णिमा पर स्नान के बाद से आज से माघ मेले की शुरूआत हो गई। प्रयागराज स्थित संंगम में अल सुबह आस्था का सैलाब उमड़ा हुआ दिखाई दिया। जिसमें 32 लाख श्रद्धालुओ ने डुबकी लगाए। इन सब के इतर भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं।

प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) । धर्म नगरी प्रयागराज के संगम तट पर माघ मेला आज से पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व के साथ शुरू हो गया है। मेले के लिए संगम की रेती पर अलग से तम्बुओं का शहर बसाया गया है। पहले दिन 32 लाख श्रद्धालुओं के आस्था के संगम में डुबकी लगाने की उम्मीद जताई गई है। वहीं, भोर से ही स्नान, ध्यान का दौर शुरू हो गया है। बता दें कि योगी सरकार ने माघ मेले के लिए 57,90,61,000 रुपए का बजट जारी किया है। इधर प्रशासन ने मेले का क्षेत्रफल पिछले साल की तुलना में 500 बीघा बढ़ाकर ढाई हजार क्षेत्रफल कर दिया है।

एक महीने का कल्पवास शुरू
संगम की रेती पर एक महीने तक चलने वाले कल्पवास की भी शुरुआत हो गई। पांच लाख से ज्यादा श्रद्धालु एक महीने तक मेले में गंगा किनारे संयमित जीवन बिताकर पूजा-आराधना करेंगे। साथ ही इस बार सुरक्षा के बेहद खास इंतजाम भी किए गए हैं।

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लोहे की बनाई गई हैं सड़कें
ढाई हजार बीघे में बसे माघ मेले के लिए संगम की रेती पर तम्बुओं का अलग शहर बसाया गया है। यहां लोहे की सड़कें बनाई गई हैं तो पीपे के पांच पांटून पुल। दूसरे शहरों की तरह यहां सभी सरकारी विभागों के दफ्तर खोले गए हैं। 

इस तरह फैला है मेला क्षेत्र
-इस बार मेला क्षेत्र में करीब 5 किलोमीटर लंबा स्नान घाट बनाया गया है।
-गंगा और यमुना किनारे कुल 16 स्नान घाट बनाए गए हैं।
-सबसे बड़ा संगम स्नान घाट है।
-सर्कुलेटिंग एरिया में 3 किलोमीटर के स्नान घाट की तैयारी चल रही है।
-महिलाओं के लिए 700 चेंजिंग रूम बन रहे हैं।
-50 हाई मास्ट रोशनी के लिए लगाए गए हैं।
-रात में सभी स्नान घाट दूधिया रोशनी से जगमग दिखाई देंगे।
-यहां 1 मिनट में 13 से 15000 श्रद्धालु स्नान कर सकेंगे।

यह है मान्यता 
मान्यताओं के मुताबिक संगम पर कल्पवास करने वालों को न सिर्फ अपार पुण्य हासिल होता है, बल्कि उन्हें जीवन-मरण के बंधन से मुक्ति मिल जाती है और मोक्ष प्राप्त होता है।

आध्यात्म की बह रही गंगा
दुनिया के इस सबसे बड़े सालाना धार्मिक आयोजन में एक महीने तक कई शंकराचार्यों समेत देश भर के साधु-संत यहां भक्ति-ज्ञान और आध्यात्म की गंगा बहाएंगे।

साधु-संतों में है नाराजगी
छह प्रमुख स्नान पर्वों पर पांच करोड़ से ज़्यादा श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए आएंगे। हालांकि योगी राज में हो रहे इस माघ मेले में असुविधाओं व बदइंतजामियों के चलते साधु-संतों के साथ ही आम श्रद्धालुओं में खासी नाराजगी है।

एक नजर में सुरक्षा व्यवस्था
-पुलिस के लिहाज से मेले को तीन जोन परेड, झूंसी और अरैल जोन में बांटा गया है।
-छह सेक्टर और सात सर्किल में मेला क्षेत्र को बांटा गया है।
-मेले में साढ़े तीन हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती।
-माघ मेला में बनाए गए 13 थाने, 38 पुलिस चौकियां और 13 फायर स्टेशन।
-इस बार मेले में डायल 112 डायल की 20 चार पहिया और 25 दोपहिया वाहनों को लगाया गया है।
-174 उच्च क्षमता के और आधुनिक सीसीटीवी कैमरों से होगी निगरानी।
-निगरानी के लिए लगाए जाएंगे जगह-जगह ड्रोन कैमरें।
-आतंकी गतिविधियों से निपटने के लिए एटीएस और एसटीएफ भी तैनाती।
-तीन अपर पुलिस अधीक्षक और 13 डिप्टी एसपी भी है तैनाती।
-जल सुरक्षा के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की भी एक-एक कंपनी रहेगी।
-नौ कंपनी पीएसी, 14 एंटी सबोटाज चेक टीम और बम डिस्पोजल स्कवायड की दो टीम सक्रिय रहेगी।
-किसी संकट से निपटने के लिए सेक्टर वार रेस्क्यू और बाहर निकालने को इवैक्यूशन योजना भी तैयार है।

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