अयोध्या में डिप्टी सीएम का काफिला रोक कर व्यापारियों ने बताई पुलिस के बर्बरता की कहानी ,जांच शुरू

यूपी के जिले अयोध्या में डिप्टी सीएम का काफिला रोककर व्यापारियों ने पुलिस की बर्बरता की कहनी बताई है। व्यापारियों का कहना है कि पुलिस चौकी क्षेत्र के पुलिसकर्मियों ने डिप्टी सीएम के आने के पहले बिना बताए सभी व्यापारियों को डंडे से मारना शुरू कर दिया। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 21, 2022 9:14 AM IST

अनुराग शुक्ला
अयोध्या:
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य शनिवार को अयोध्या दौरे पर थे। उनके आने के पहले पुलिसकर्मियों ने मार्ग को खाली कराने का काम शुरू किया। इस दौरान जो गरीब पटरी दुकानदार दिखा उसे पुलिसिया रौब का सामना करना पड़ा। पुलिस पर बर्बता का आरोप लगाते हुए व्यापारी समूह ने डिप्टी सीएम के काफिले को रोका और कार्रवाई की मांग की। इस पूरे मामले को सुनने के बाद डिप्टी सीएम ने जांच के आदेश दिए हैं। बता दें सरयू तट के किनारे हेलीपैड बना है। यहां से वीवीआईपी को वाहनो से गंतव्य तक ले जाया जाता है। इस बीच मे मार्ग को पूरी तरह खाली करा दिया जाता है। इसके लिए पहले से सूचना भी प्रसारित कर दी जाती है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। सूचित करने की जगह मारने की कार्यवाही की गई।

व्यापारियों ने दिखाई पुलिस बर्बरता की निशानी
व्यापारियों ने कहा नया घाट पुलिस चौकी क्षेत्र के पुलिसकर्मियों ने डिप्टी सीएम के आने के पहले बिना बताए सभी व्यापारियों को डंडे से मारना शुरू कर दिया। व्यापारी कारण पूछते रहे और सिपाही डंडा बरसाते रहे। व्यापारी निरंजन शाह बताते हैं कि अक्सर पुलिसकर्मी फेरी वालों को भद्दी गालियां देकर मारते हैं। उन्होंने बताया इसकी शिकायत जिले के आला अधिकारियों से पहले भी की जाती रही है, लेकिन किसी भी प्रकार की कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने बताया हम लोगों के पास ठेले का लाइसेंस है और केंद्र सरकार ने लोन भी पास किया है।

पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के लगाए गए नारे
डिप्टी सीएम का काफिला गुजरने के बाद व्यापारियों के समूह ने स्थानीय पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाए और मीडिया कर्मियों को पुलिस बर्बरता की निशानी दिखाई। उन्होंने कहा की अगर पहले बता दिया जाता कि आज ढेला नहीं लगाना है तो हम लोग क्यों लागते ? उन्होंने बताया राम कथा पार्क पर अक्सर वीआईपी मूवमेंट रहता है। आए दिन सब लोगों को पुलिसिया रौब का सामना करना पड़ता है। आगे कहते है कि प्रशासन को ठेला लगाने का स्थान चिन्हित कर देना चाहिए। जिससे आने वाले समय में इस तरह की दिक्कतों का सामना ना करना पड़े।

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