
आगरा (Uttar Pradesh) । आलू की फसल को लेकर दो भाइयों में हुए विवाद को सुलझाने गए दारोगा दारोगा प्रशांत कुमार यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वारदात के बाद आरोपी फरार हो गया। यह घटना नहर्रा गांव की है। वहीं, गुरुवार को पुलिस लाइन में एडीजी, आइजी प एसएसपी समेत अन्य अधिकारियों ने दारोगा के पार्थिव शरीर को सलामी दी। इसके बाद स्वजन दारोगा के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए बुलंदशहर के पैतृक गांव लेकर रवाना हो गए। उनके साथ आगरा पुलिस भी गई है।
यह है पूरा मामला
आगरा के खंदौली थाने में आने वाली टोल प्लाजा चौकी पर तैनात दारोगा प्रशांत यादव के पास बुधवार शाम एक फोन आया। बताते हैं कि फोन करने वाले ने बताया कि नहर्रा गांव में आलू की फसल को लेकर दो सगे भाइयों में विवाद हो गया है। छोटा भाई विश्वजीत मजदूरों को धमका रहा है। सूचना के बाद प्रशांत यादव सिपाही चंद्रसेन के साथ नहर्रा गांव पहुंचे। यहां विश्वनाथ तमंचा हाथ में लेकर मजदूरों को धमका रहा था।
गर्दन में मारी थी गोली
विश्वनाथ के हाथ में पिस्टल देखकर दारागो प्रशांत ने उसे दबोचने की कोशिश की। आरोपी के भागने पर प्रशांत ने उसका पीछा किया। विश्ननाथ ने फायरिंग की। एक गोली प्रशांत की गर्दन में लगी। लहूलुहान हालत में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।
सीएम ने की ये घोषणा
सिपाही ने हमलावर विश्वनाथ को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वह धक्का मारकर मौके से फरार हो गया। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दारोगा की मौत पर शोक जताया है। उन्होंने मृतक के परिवार को 50 लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया है। साथ ही परिवार के एक सदस्य को नौकरी और उनके गांव की सड़क को दारोगा के नाम पर किए जाने की भी घोषणा की है।
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