23 नवंबर 2007 की दोपहर करीब एक बजे कचहरी के शेड नंबर चार में साइकिल बम में हुए विस्फोट से अधिवक्ता राधिका प्रसाद मिश्र समेत चार लोगों की मौत हुई थी। करीब 50 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।
अयोध्या (उत्तर प्रदेश) । कचहरी सीरियल ब्लास्ट मामले का 13 साल बाद फैसला आ गया है। आतंकवादी तारिक काजमी व मोहम्मद अख्तर को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। दोनों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी किया गया है। वहीं सज्जादुर्रहमान की रिहाई शनिवार को होगी। वह लखनऊ के सीरियल ब्लास्ट मामले में पहले ही दोषमुक्त किया जा चुका है।
अपराध साबित करने को हुई 47 गवाहों की पेशी
घटना की प्राथमिकी फैजाबाद बार एसोसिएशन के तत्कालीन महामंत्री मंसूर इलाही ने दर्ज कराई थी। उन्होंने मुकदमे में गवाही भी दी। अभियोजन पक्ष ने मुकदमे में अपराध को साबित करने के लिए 47 गवाहों को पेश किया। घटना के शिकार व चश्मदीद गवाह अधिवक्ता जेएन पाठक ने ही अभियुक्तों की पहचान भी की थी। मुकदमे की पैरवी में फैजाबाद बार एसोसिएशन की बड़ी भूमिका रही।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनाई सजा
मोहम्मद अख्तर को लखनऊ जेल से मंडल कारागार में लगी अदालत में नहीं लाया जा सका। जज अशोक कुमार ने उसे वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सजा सुनाई। सजा सुनाने के बाद तारिक काजमी को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में बाराबंकी जेल वापस भेज दिया गया।
(प्रतीकात्मक फोटो)