यूपी में हालात बेकाबू, हिंसा में 11 लोगों की गई जान


धरना-प्रदर्शन के मामलों कुल 17 मुकदमें दर्ज कर 144 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। लखनऊ में 10, वाराणसी में तीन, पीलीभीत में एक, संभल में दो कुशीनगर में एक एफआइआर दर्ज की गई है।

Asianet News Hindi | Published : Dec 21, 2019 2:58 AM IST

लखनऊ (उत्तर प्रदेश)। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में 14 जिलों में हुए हिंसा के दौरान 11 व्यक्तियों की मौत हुई है। इनमें मेरठ में तीन, बिजनौर व फीरोजाबाद में दो-दो, वाराणसी, कानपुर, मुजफ्फरनगर व सम्भल में एक-एक जान गई है। बता दे कि लखनऊ में गुरुवार को हिंसा के दौरान एक युवक की जान गई थी। यानी दो दिनों में हिंसा के दौरान मरने वालों की संख्या 12 हो गई है। शुक्रवार को हिंसा के दौरान बिजनौर में एक सिपाही के पेट में गोली लगी, जबकि मेरठ में दो सिपाही गोली लगने से घायल हुए हैं।

लिखे गए 17 मुकदमे, 144 गिरफ्तार
धरना-प्रदर्शन के मामलों कुल 17 मुकदमें दर्ज कर 144 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। लखनऊ में 10, वाराणसी में तीन, पीलीभीत में एक, संभल में दो कुशीनगर में एक एफआइआर दर्ज की गई है।

इनकी हुई मौत
कानपुर-आफताब आलम, निवासी मुंशीपुरवा

बिजनौर- सुलेमान पुत्र जाहिद निवासी मंगू चरखी मोड़ नहटौर और अनस पुत्र अरशद निवासी मुहल्ला हलवाइयान

मुजफ्फरनगर: नूरा पुत्र इमरान निवासी दारोगा वाली कोठी

फीरोजाबाद: नबी जान निवासी मुहम्मदगंज, राशिद पुत्र कल्लू निवासी कश्मरी गेट

मेरठ: आसिफ पुत्र जग्गी निवासी झिलमिल कालोनी दिल्ली (हाल निवास ताला फैक्ट्री मेरठ), जाहिर पुत्र मुंशी निवासी रशीदनगर और मोहसिन मलिक पुत्र अहसान मलिक निवासी गुलजारे इब्राहिम

सम्भल: बिलाल निवासी रायसत्ती मुहल्ला

वाराणसी : आठ वर्षीय बालक मुहम्मद सगीर, निवासी मुहल्ला धरहरा

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