लखीमपुर खीरी कांड के आरोपी आशीष मिश्र की जमानत अभी नहीं...सुनवाई कर रहे जजों ने चीफ जस्टिस के पास भेजा मामला

जस्टिस बी आर गवई और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने अपेक्स कोर्ट की रजिस्ट्री को आदेश दिया कि मामले को उचित पीठ के सामने रखने के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश का आदेश लेकर आगे की कार्रवाई करें।

Union minister's son Ashish Mishra bail plea: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र के जमानत मामले में सुनवाई की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लखीमपुर हिंसा मामले में आरोपी आशीष मिश्र की जमानत की मांग करने वाली याचिका को उन जजेस के बेंच के सामने रखा जाना चाहिए जो पहले इस केस की सुनवाई किए हैं। कोर्ट ने कहा कि यह न्यायिक औचित्य की मांग है कि इस मामले को उन्हीं जजेस के बेंच के शामिल किसी जज के सामने रखना चाहिए जिनके सामने संबंधित केस सुनवाई के लिए रखा गया था।

कोर्ट ने कहा चीफ जस्टिस से आदेश लेकर संबंधित बेंच को भेजे याचिका

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जस्टिस बी आर गवई और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने अपेक्स कोर्ट की रजिस्ट्री को आदेश दिया कि मामले को उचित पीठ के सामने रखने के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश का आदेश लेकर आगे की कार्रवाई करें। कोर्ट ने कहा कि न्यायिक औचित्य की मांग है कि इस मामले को उस पीठ के समक्ष रखा जाए जिसमें उन न्यायाधीशों में से एक शामिल हो जो पहले इस मामले को देख चुके हैं। 

सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्र की जमानत को कर दिया था खारिज

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने बीते 18 अप्रैल को लखीमपुर खीरी कांड आरोपी आशीष मिश्र की जमानत को निरस्त करते हुए एक सप्ताह में सरेंडर करने का आदेश दिया था। चीफ जस्टिस के बेंच ने कहा था कि लखीमपुर खीरी कांड के पीड़ितों को न्याय और सुनवाई से वंचित रखा गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रभावी सुनवाई और सबूतों को गौर न कर अदूरदर्शी दृष्टिकोण अपनाया है। कोर्ट ने पीड़ितों को सुनने के लिए पर्याप्त अवसर नहीं दिया जिससे निष्पक्ष न्याय की उम्मीद नहीं की जा सकती है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने भी 26 जुलाई को मिश्रा की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने छह सितंबर को आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा था। उन्होंने अपनी जमानत याचिका खारिज करने के हाईकोर्ट के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है। 

लखीमपुर खीरी में किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी थी मंत्रीपुत्र ने...

बीते साल लखीपुर खीरी में कृषि कानूनों के विरोध में किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। 3 अक्टूबर को यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का कार्यक्रम था। किसान डिप्टी सीएम के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले थे। यूपी पुलिस के एफआईआर के अनुसार एक एसयूवी, जिसमें गृहराज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र बैठे थे, ने चार किसानों को कुचल दिया। इस घटना से गुस्साएं किसानों ने ड्राइवर व दो अन्य लोगों को कथित तौर पर पीट-पीटकर मार डाला। इस हिंसा में एक पत्रकार की भी हत्या हुई थी। हालांकि, बाद में केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया था और किसान आंदोलन खत्म कर दिया गया।

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