सांप्रद्रायिक सद्भाव की अनूठी मिसाल, इटावा का इस्लामिया इंटर कॉलेज मनाएगा हिंदी सेवा निधि समारोह

हिंदी सेवा निधि का 29वां वार्षिक अधिवेशन शनिवार को कॉलेज  परिसर मे आयोजित किया जायेगा जिसमें जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सन्हिा मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे। कार्यक्रम में प्रख्यात व्यंग्यकार डॉ अशोक चक्रधर, उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सभापति मानवेंद्र सिंह,न्यायमूर्ति शेखर यादव, प्रख्यात अभिनेता मनोज नवनीत जोशी को सम्मानित किया जायेगा। 
 

इटावा: महाभारत (Mahabharata) कालीन सभ्यता से जुड़े उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के इटावा में 135 साल की यात्रा कर चुका एक शिक्षण संस्थान (Teaching institute)  वर्षो से सांप्रद्रायिक सद्भाव की अनूठी मिसाल पेश कर रहा है। पूर्व राष्ट्रपति जाकिर हुसैन (Former President Zakir Hussain) समेत कई नामचीन हस्तियों की शुरुआती शिक्षा का गवाह बने इस्लामिया इंटर कॉलेज (Islamia Inter College) में इटावा हिंदी सेवा निधि (Hindi Seva Nidhi) का सालाना समारोह आयोजित होता है। कॉलेज के तत्कालीन प्रधानाचार्य मोहम्मद तारिक (Mohammad Tariq) भी अन्य हिंदी सेवियों के साथ सम्मानित किये जा चुके है । हिंदी सेवा निधि का 29वां वार्षिक अधिवेशन शनिवार को कॉलेज परिसर मे आयोजित किया जायेगा जिसमें जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सन्हिा (Lt Governor Manoj Sinha) मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे। कार्यक्रम में प्रख्यात व्यंग्यकार डॉ अशोक चक्रधर, उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सभापति मानवेंद्र सिंह,न्यायमूर्ति शेखर यादव, प्रख्यात अभिनेता मनोज नवनीत जोशी को सम्मानित किया जायेगा। 

मदरसे के तौर पर हुई थी स्कूल की स्थापना
इस स्कूल की स्थापना मदरसे (Madrasa) के तौर पर 12 दिसंबर 1888 को हुई थी। मौलवी बसीरूददीन (Maulvi Basiruddin) ने छोटे से इटावा शहर मे घरों-घरों से चंदा एकजुट करके स्कूल के नर्मिाण मे अहम भूमिका अदा की लेकिन इस स्कूल की किस्मत चमकी कानपुर के दानवीर हाफिज मुहम्मद सद्दीकी (Hafiz Muhammad Saddiqui) की 35 हजार रूपये की मदद से, जिसमें उन्होंने स्कूल के नाम के आगे अपने नाम को लगाने की शर्त रख थी। इस शर्त को मौलाना बसीरूददीन ने स्कूल की तरक्की के बाबत स्वीकार लिया । यह स्कूल आज इंटर कॉलेज का दर्जा पाये हुए है । कॉलेज  के ज्वाइंट सेक्रेटरी मुहम्मद अल्ताफ (Joint Secretary Muhammad Altaf) का कहना है कि हिंदी सेवा निधि के कॉलेज मे लंबे समय से हो रहे सम्मान समारोह के चलते कॉलेज परिवार खुद को गौरवान्वित महसूस करता है। अगर उनके कॉलेज को कोई संस्कृत,उर्दू या फिर अरबी भाषा से जुड़े हुए समारोह का आयोजन के लिए मांगता है तो भी उनको देने मे कोई गुरेज नही बशर्ते कॉलेज का शिक्षण कार्य प्रभावित नहीं हो। 

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स्कूल के खाते मे शुरू से ही हिंदू हेडमास्टर 
अल्ताफ ने कहा कि कॉलेज बेशक मुस्लिम संस्था (Muslim organization) के तौर पर देखा जाता हो लेकिन यहां सभी धर्मों के बराबर छात्र अध्ययन करते है। उन्होंने कहा कि 1888 मे स्कूल की जब शुरूआत की गई उस समय हेडमास्टर लाला वंशीधर को बनाया गया, इस लिहाज से स्कूल के खाते मे शुरू से ही हिंदू हेडमास्टर की तैनाती खुद सांप्रदायिक सदभाव (communal harmony) की मिसाल पेश करती है। एचएमएस इस्लामिया इंटर कॉलेज के सवा सौ वर्षों के इतिहास में मुहम्मद तारिक ऐसे इकलौते शक्षिक, प्रधानाचार्य रहे हैं जो राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किए गए है । 1988 मे जब कॉलेज का प्रधानाचार्य के तौर पर नियुक्त हुई तब वे दसंवे प्रधानाचार्य रहे । उनका कहना है कि इटावा मे इस कॉलेज मे आने के बाद उनको जो सम्मान हासिल हुआ वाकई मे दिली है । इस सम्मान की यादे आज भी जुड़ी हुई हैं । कॉलेज से रिटार्यड होने के बाद मुहम्मद तारिक फिलहाल अपने गृहनगर अलीगढ जा पहुंचे है फिर भी इटावा के दिनों की यादे आज भी उनके जहन मे ताजा है । 

29वां समारोह मानने के दौर मे आ चुकी है हिंदी सेवा निधि 
यह कॉलेज कोई ऐसा वैसा कॉलेज नहीं  है,कॉलेज के छात्रों ने देश का शीर्ष मुकाम हासिल किया हुआ है । देश के तीसरे राष्ट्रपति डा. जाकिर हुसैन, पाकस्तिान  के पूर्व शक्षिा मंत्री डा.महमूद हुसैन (Former Pakistan Education Minister Dr. Mehmood Hussain), हॉकी खिलाडी हाजी याकूब खान (Hockey player Haji Yakub Khan), मशहूर फल्मिकार के.आसिफ (Filmmaker K. Asif),मशहूर कवि डा.बसीर बद्र (Poet Dr. Basir Badr), भारतीय हाकी कप्तान शकील अहमद (Indian Hockey Captain Shakeel Ahmed),अर्जुन पुरस्कार सम्मानित हॉकी खिलाड़ी देवेश सिंह चौहान (Arjun Awardee Hockey Player Devesh Singh Chauhan), विवके गुप्ता कुछ ऐसे नाम है जिन्होंने कॉलेज के नाम को रोशन करने मे अहम भूमिका अदा की। इटावा हिंदी सेवा निधि के सह संयोजक राजकुमार का कहना है कि जहां तक बात इस्लामिया इंटर कॉलेज मे निधि के समारोह की है, अपनी स्थापना के चौथे साल से यह कार्यक्रम लगातार इसी कॉलेज परिसर मे हो रहा है । 1993 मे स्थापित हिंदी सेवा निधि 29वां समारोह मानने के दौर मे आ चुकी है जो अपने आप आप मे एक मिसाल है।
 

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