उन्नाव मामला: दुष्कर्म पीड़िता के साथ सड़क हादसा या फिर साजिश, CBI का बड़ा फैसला

सीबीआई की दो टीमें शुक्रवार पीड़िता व उसके चाचा के खिलाफ दर्ज मामलों की भी जांच करती रही। विधायक के गांव में स्थित वीरेन्द्र सिंह शिक्षा निकेतन इंटर कॉलेज में टीम सबसे ज्यादा देर तक रही।

Asianet News Hindi | Published : Aug 11, 2019 6:59 AM IST

लखनऊ. उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की कार एक्सीडेंट के मामले में सीबीआई के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट सुब्रत पाठक ने ट्रक ड्राइवर आशीष कुमार पाल और क्लीनर मोहन श्रीवास का नार्को टेस्ट, ब्रेन मैपिंग टेस्ट तथा ब्रेन फिंगर प्रिंटिंग टेस्ट विधिनुसार कराने की अनुमति सीबीआई को दी है। उन्होंने ये आदेश सीबीआई की अर्जी व अभियुक्तों की सहमति पर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने अभियुक्तों को 14 अगस्त की शाम चार बजे तक सीबीआई की कस्टडी में सौंपने का भी आदेश दिया है।

बढ़ी रिमांड डेट

सीबीआई को ट्रक ड्राइवर और क्लीनर पहले तीन दिन की रिमांड पर मिले थे। इसके बाद सीबीआई की अर्जी पर दो दिन की रिमांड और भी बढ़ा दी गई थी। अब जब सीबीआई की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट ने ब्रेन मैपिंग की अनुमति दे दी तो रिमांड का समय 14 अगस्त तक कर दिया गया।

पीड़िता के स्कूल के दस्तावेज खंगाले 

सीबीआई की दो टीमें शुक्रवार पीड़िता व उसके चाचा के खिलाफ दर्ज मामलों की भी जांच करती रही। विधायक के गांव में स्थित वीरेन्द्र सिंह शिक्षा निकेतन इंटर कॉलेज में टीम सबसे ज्यादा देर तक रही। दरअसल, पीड़िता पर मुकदमे में फर्जी टीसी लगाने का आरोप है। इस बारे में ही सीबीआई तथ्य जुटाने पहुंची थी। खबरों के मुताबिक विधायक पक्ष की ओर से दिए गए पीड़िता के आयु संबंधी दस्तावेजों की पड़ताल के लिए टीम ने स्कूल के अभिलेख खंगाले थे।
 

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