उन्नाव रेप केस में पुलिस ने पीड़िता की मौत के बाद चार्जशीट दाखिल कर दी है। मामले में एक और चौंकाने वाला खुलासा है। मामले के आरोपी शुभम की ओर से दी गई दलील झूठी साबित हुई है। शुभम ने पुलिस व न्यायालय को बताया था कि जिस दिन उस पर बलात्कार का आरोप लग रहा है उस दिन वह उन्नाव के ही एक अस्पताल में भर्ती था।
उन्नाव (Uttar Pradesh). उन्नाव रेप केस में पुलिस ने पीड़िता की मौत के बाद चार्जशीट दाखिल कर दी है। मामले में एक और चौंकाने वाला खुलासा है। मामले के आरोपी शुभम की ओर से दी गई दलील झूठी साबित हुई है। शुभम ने पुलिस व न्यायालय को बताया था कि जिस दिन उस पर बलात्कार का आरोप लग रहा है उस दिन वह उन्नाव के ही एक अस्पताल में भर्ती था। लेकिन अस्पताल के प्रभारी के मुताबिक उसकी बात झूठी है।
बता दें कि एक सप्ताह पहले ही उन्नाव की रहने वाली गैंगरेप पीड़िता को रेप के आरोपियों ने जिन्दा जला दिया था। जिसके बाद उसे लखनऊ से दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में रिफर कर दिया गया था जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। इलाज के दौरान ही पीड़िता ने 5 लोगों के के खिलाफ बयान दिए थे। मामले ने राजनैतिक गलियारे में हलचल मचा दी थी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी समेत कई दिग्गज नेताओं ने उन्नाव पहुंचकर रेप विक्टिम के परिजनों से मुलाकात की थी। इस मामले में पुलिस ने सभी नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर है भेज दिया था।
झूठी निकली आरोपी के दलीलें
मामले में आरोपी शुभम त्रिवेदी ने पुलिस व कोर्ट को बताया था कि उस पर लगाए गए रेप के आरोप फर्जी हैं। उसने कहा था कि जिस दिन उस पर आरोप लगाया जा रहा है वह उस दिन बीमार था सुमेरपुर की एक अस्पताल में भर्ती था। उसे पांच दिन बाद अस्पताल से छुट्टी मिली थी। लेकिन अस्पताल के प्रभारी विनय तोमर ने बताया कि किसी जांच एजेंसी या पुलिस की तरफ से इस प्रकरण पर अभी कुछ पूछा नहीं गया है। मामला 10 और 12 दिसंबर 2018 से संबधित होने के चलते मैंने अस्पताल का रजिस्टर चेक कराया है। इन तिथियों में शुभम नाम का कोई व्यक्ति न तो भर्ती हुआ है और न ही डिस्चार्ज किया गया है। डॉ. विनय तोमर के मुताबि किसी जांच एजेंसी द्वारा मांगे जाने पर वह इसकी जानकारी उपलब्ध करा देंगे।
आरोपी ने कही थी ऑपरेशन होने की बात
युवती के साथ गैंगरेप कर जिंदा जलाकर मारने के मामले में आरोपी शुभम ने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर दावा किया था कि सामूहिक बलात्कार की घटना के दिन 12 दिसंबर 2018 को वह अस्पताल में भर्ती था। इस मामले में एफआईआर मार्च 2019 में लिखी गई थी। आरोपी का दावा था कि वह हाइड्रोसील के ऑपरेशन के लिए अस्पताल में भर्ती हुआ था। जबकि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों का कहना है कि यह इतना बड़ा अस्पताल ही नहीं है जहां कोई ऑपरेशन हो सके। यहां केवल सामान्य रोगियों को ही देखा जाता है।