रेप-गैंगरेप फिर जिंदा जलाया,40 घंटे मौत से लड़ने के बाद जिंदगी की जंग हार गई उन्नाव गैंगरेप विक्टिम

जिंदा जलाई गई उन्नाव गैंगरेप पीड़िता का दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में निधन हो गया। लगभग 40 घंटे तक जीवन और मौत से जूझने के बाद उसकी मौत हो गई

Asianet News Hindi | Published : Dec 7, 2019 3:48 AM IST / Updated: Dec 07 2019, 10:04 AM IST

उन्नाव(Uttar Pradesh ). जिंदा जलाई गई उन्नाव गैंगरेप पीड़िता का दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में निधन हो गया। लगभग 40 घंटे तक जीवन और मौत से जूझने के बाद उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन पुलिस की कार्यशैली पर उस समय सवालिया निशान लगता है जब रेप पीड़िता का केस दर्ज करने से इंकार कर दिया गया था। हांलाकि बाद में कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया था। 

जाने क्या था पूरा मामला 
जानकारी के अनुसार उन्नाव के बिहार थाना क्षेत्र के एक गांव की 23 वर्षीय युवती को गांव के ही शिवम त्रिवेदी ने प्रेमजाल में फंसा लिया था। 2017 में वह युवती को शादी का झांसा देकर रायबरेली ले गया। पीड़िता द्वारा पुलिस को दिए गए बयान के मुताबिक, वहां आरोपी ने किराए का कमरा लेकर साथ रखा और अश्लील वीडियो बनाकर उसे वायरल करने की धमकी देकर कई दिनों तक उसका यौन शोषण किया। पिछले साल 19 जनवरी को आरोपी ने रायबरेली सिविल कोर्ट में वैवाहिक अनुबंध पत्र बनवाया पर एक महीने बाद उसे गांव छोड़ आया। शादी का दबाव बनाने पर आरोपी उसे जान से मारने की धमकी देने लगा।

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दोस्त के साथ मिलकर किया सामूहिक दुष्कर्म 
आरोपी शिवम की धमकी के डर से पीड़िता रायबरेली के लालगंज में अपनी बुआ के यहां आकर रहने लगी। पिछले साल 12 दिसंबर को आरोपी शिवम त्रिवेदी अपने साथी शुभम त्रिवेदी के साथ युवती के पास पहुंच उसे शादी का भरोसा देकर फिर से गांव ले आया। फिर दोनों ने उसके साथ दुष्कर्म किया। सामूहिक दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए वह थानों के चक्कर लगाती रही, लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई। 

कोर्ट और महिला आयोग के हस्तक्षेप के बाद दर्ज हुई रिपोर्ट 
गैंगरेप पीड़िता थानों और अफसरों के चक्कर लगाती रही लेकिन उसकी रिपोर्ट नहीं दर्ज की गई। अंततः उसने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। घटना के ढाई महीने बाद कोर्ट और महिला आयोग के आदेश पर बिहार थाने में 4 मार्च 2019 और लालगंज थाने में 5 मार्च 2019 को शिवम और शुभम के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म, जान से मारने की धमकी आदि धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई। 

रिपोर्ट तो दर्ज हुई लेकिन नहीं हुई गिरफ्तारी 
कोर्ट के आदेश पर मुकदमा तो दर्ज कर लिया लेकिन आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी। दबाव पड़ने के बाद इसी साल 19 सितंबर को मुख्य आरोपी शिवम त्रिवेदी ने कोर्ट में समर्पण कर दिया था। जबकि दूसरा आरोपी शुभम त्रिवेदी फरार था। बीते माह 30 नवंबर को शिवम जमानत पर जेल से छूटकर बाहर आया था। 

केस की पैरवी करने जाते समय किया था आग के हवाले 
5 दिसंबर को तड़के 4 बजे पीड़िता गैंगरेप मामले के पैरवी करने के लिए अकेले पैदल ही बैसवारा रेलवे हॉल्ट स्टेशन जा रही थी। वहां से उसे रायबरेली जाना था। घर से एक किमी दूर आरोपी शिवम व शुभम समेत पांच लोगों ने उसे घेर लिया। पांचो आरोपियों ने उसे पकड़ कर आग के हवाले कर दिया। बुरी तरह आग की लपटों में घिरी होने के बावजूद युवती दरिंदों से जान बचाने के लिए एक किलोमीटर तक दौड़ती चली गई। वहां पान की गुमटी के पास खड़े कुछ लोगों ने शोर मचाते हुए युवती पर कपड़ा डालकर आग बुझाई। इसके बाद पीड़िता ने एक व्यक्ति के मोबाइल से सुबह 4:46 बजे 112 नंबर पर पुलिस को खुद सूचना दी।

मजिस्ट्रेट को दिए बयान के आधार पर पांचों आरोपी गिरफ्तार
मजिस्ट्रेट को दिए बयान के आधार पर पुलिस ने मामले में पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। अब पीड़िता की अस्पताल में मौत भी हो गई है जिसके बाद पुलिस अब आगे की कानूनी कार्रवाई करेगी। 

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