इससे पहले कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म मामले में दिसंबर 2019 में कुलदीप सेंगर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। 9 अप्रैल 2018 को उन्नाव में पीड़ित के पिता की हिरासत में मौत हो गई थी। परिजन ने सेंगर और उसके साथियों पर उनकी हत्या का आरोप लगाया था।
उन्नाव (Uttar Pradesh) । उन्नाव की दुष्कर्म पीड़ित के पिता की न्यायिक हिरासत में हुई मौत के मामले में आज पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर समेत सात लोगों को अब 13 मार्च को सजा सुनाई जाएगी। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने आज अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। बता दें कि चार मार्च को पूर्व विधायक सेंगर समेत 7 लोगों को कोर्ट ने दोषी करार दिया था। कोर्ट ने सेंगर को धारा 120 बी के तहत दोषी माना, जबकि 4 आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था।
यह है पूरा मामला
उन्नाव में कुलदीप सेंगर और उसके साथियों ने 2017 में नाबालिग को अगवाकर सामूहिक दुष्कर्म किया था। इस मामले की जांच सीबीआई ने की थी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर केस दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था। दिल्ली कोर्ट ने दोषी कुलदीप सिंह सेंगर (53) को 20 दिसंबर को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए उसे मृत्यु तक जेल में रखने के आदेश दिए थे। सेंगर पर 25 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया गया था। कुलदीप सेंगर की विधानसभा सदस्यता भी रद्द की जा चुकी है।
कौन है कुलदीप सेंगर
कुलदीप सेंगर की गिनती उत्तर प्रदेश के दलबदलू नेताओं में होती है। 4 बार से लगातार विधायक रहा कुलदीप कभी चुनाव नहीं हारा। उसने उन्नाव जिले की अलग-अलग सीटों से 3 बार चुनाव जीता। वह 2002 में पहली बार बसपा से सदर, 2007 में सपा से बांगरमऊ और 2012 में भगवंतनगर से चुनाव जीता था। 2017 में उसने भाजपा से बांगरमऊ सीट से चुनाव जीता था।