Special Story: जानिए यूपी के मौजूदा और पूर्व मुख्यमंत्रियों के गृह जनपद का हाल

यूपी के मौजूदा और पूर्व मुख्यमंत्री के गृहजनपद में जनता कहीं न कहीं विकास कार्यों को लेकर संतुष्ट है। लेकिन अभी भी कुछ चीजों की टीस उसके मन में है जिनको लेकर विधानसभा चुनाव 2022 में प्रत्याशियों के वादों और दावों की परख कर वोट किया जाएगा। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 22, 2022 6:56 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल तैयारियों में लगे हुए हैं। फिलहाल आज हम कुछ उन जिनों की बात कर रहे हैं जहां से अभी तक यूपी के मुख्यमंत्री आए हैं। यूपी के मौजूदा और पूर्व मुख्यमंत्रियों के गृहजनपद का हाल जानने का प्रयास किया गया तो सामने आया कि विकास तो हुआ है। लेकिन कहीं न कहीं जनता के जहन में कई अन्य मुद्दे भी हैं। जिन पर वह इस चुनाव में वोट करेगी।  

योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर का हाल 
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यूपी के ही गोरखपुर से आते हैं। वह इस बार गोरखपुर की शहर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। गोरखपुर सदर की सीट 1989 से अब तक हर चुनाव में गोरखनाथ मठ के ही पास रही है। 1989 से 2017 तक हुए आठ विधानसभा चुनावों में 7 बार यह सीट भाजपा और एक बार हिंदू महासभा के पास रही है। बात अगर गोरखपुर के विकास की हो तो यहां के लोग बताते हैं कि योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद शहर का तो जैसे भाग्योदय हो गया है। गोरखपुर में बीते 5 सालों में हुए विकास की पड़ताल की जाए तो सामने आता है कि गोरखपुर विकास क्षेत्र में 1977 में स्थापना के समय 180 राजस्व गांव औऱ नगर क्षेत्र मिलाकर 285 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र शामल था। हालांकि वर्ष 2020 में इस क्षेत्र में 233 नए राजस्व गांव एवं मुडेरा बाजार, पीपीगंज व पिपराइच नगर पंचायत जोड़ दिए गए। गोरखपुर को मेट्रोपॉलिटन सिटी घोषित किया जा चुका है। इसके लिए महायोजना 2031 को भी उसी के अनुसार ही तैयार किया जा रहा है। वर्तमान में शहर की जनसंख्या जहां तकरीबन 13 लाख है तो वहीं नई महायोजना को 20 लाख जनसंख्या को आधार मानकर तैयार किया जा रहा है। 
सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिसंबर माह में ही गोरखपुर को 519.80 करोड़ की योजनाओं की सौगात दी। 360 करोड़ 45 लाख रुपए की 154 योजनाओं का सीएम ने जहां शिलान्यास किया तो वहीं 159 करोड़ 37 लाख रुपए की 109 परियोजनाओं का लोकार्पण भी हुआ। उस दौरान 23.45 करोड़ रुपए की लागत से बने सदन भवन का भी लोकार्पण किया गया। गोरखपुर के विकास में खाद कारखाना, एम्स, मेडिकल कॉलेज, नए एयरपोर्ट का अध्याय भी इसी कार्यकाल में लिखा गया है। 

जानिए क्या है अखिलेश के इटावा का हाल 
यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव यूपी के इटावा जनपद से आते हैं। हालांकि इस बार अखिलेश यादव मैनपुरी करहल सीट से चुनावी मैदान में हैं। वहीं इटावा सदर से इस बार भाजपा ने सरिता भदौरिया पर ही फिर से भरोसा जताया है। जबकि बिधूना से रिया शाक्य और दिबियापुर से लाखन सिंह राजपूत को टिकट दिया गया है। पूर्ववर्ती सपा सरकार के कार्यकाल की बात हो तो आरोप लगता रहा था कि सभी विकास कार्य गृहजनपद और उसके आसपास के क्षेत्र को ध्यान में रखकर ही करवाए जाते थे। इटावा के विकास कार्यों की बात हो तो वहां की जनता उससे संतुष्ट दिखाई देती है। भाजपा सरकार के कार्यकाल में भी यहां विकास कार्यों को गति दी गयी। इसी कड़ी में इटावा में केंद्रीय कारागार का उद्घाटन भी मौजूदा सरकार के कार्यकाल में ही हुआ। हालांकि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में इटावा सफारी पार्क व अन्य चीजों की अनदेखी का आरोप भी सरकार पर लगा है। मौजूदा चुनाव में विकास के साथ ही यहां भष्ट्राचार और अन्य मुद्दे भी जनता के जहन में हैं। 

मायावती के गौतमबुद्धनगर का हाल 
बसपा सुप्रीमो मायावती इस बार विधानसभा चुनाव से दूरी बनाए हुए हैं। उनकी पार्टी को चुनावी मैदान में है लेकिन मायावती सीधे तौर पर कहीं से उम्मीदवारी नहीं कर रही हैं। गौतमबुद्ध नगर में चुनाव 10 फरवरी को होगा यहां 2017 के नतीजों पर गौर करें तो तीनों ही सीटें नोएडा, दादरी और जेवर बीजेपी के खाते में गई थीं। विकास कार्यों को लेकर गौतमबुद्धनगर कभी भी पीछे नहीं रहा है। बात अगर गौतमबुद्धनगर की नोएडा दादरी और जेवर की करें तो यहां महंगाई, भ्रष्ट्राचार और आम लोगों की सुनवाई न होना मुद्दा है। वहीं किसान आंदोलन के असर की यहां बात करें तो यहां के लोगों का कहना है कि इसका कोई असर चुनाव पर नहीं पड़ेगा। जिस तरह के कानून वापस लिया गया है उसके बाद यह मुद्दा प्रभावहीन हो गया है। 

कल्याण सिंह के अलीगढ़ का हाल 
यूपी के पूर्व सीएम और राजस्थान के राज्यपाल रहे कल्याण सिंह अब इस दुनिया में नहीं है। उनके गृहजनपद अलीगढ़ की बात की जाए तो यहां कुल 7 सीटें हैं। बात अलीगढ़ की ही हो तो यहां से भाजपा ने मुक्ता राजा को टिकट दिया है। अलीगढ़ की कोल सीट से सपा ने शाज इस्हाक और शहर सीट से जफर आलम को टिकट दिया है। मौजूदा चुनाव में यहां विकास के मुद्दे पर लोग वोट देने के मूड में है। 

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