यूपी कैबिनेट ने सीतापुर में नैमिष धाम के जीर्णोद्धार को दी मंजूरी, 36 गांवों को मिलाकर होगा परिषद का गठन

यूपी कैबिनेट ने शुक्रवार को सीतापुर में नैमिष धाम के जीर्णोद्धार को मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्य नैमिषारण्य क्षेत्र के विकास के लिये और पर्यटन तथा संस्कृति विशेष रूप से धार्मिक क्रियाकलापों तथा अध्यात्मिक पर्यटन हेतु अवसंचनात्मक सुविधाओं का विकास करना है।

Asianet News Hindi | Published : Nov 25, 2022 12:46 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की कैबिनेट बैठक में शुक्रवार को अयोध्या, काशी, मथुरा-वृंदावन और विंध्यवासिनी धाम की तर्ज पर सीतापुर के नैमिष धाम के पुनरोद्धार का रास्ता साफ हो गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक में 'श्री नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद' के गठन का फैसला हुआ है, सिर्फ ऑफिशियल नोटिफिकेशन जारी करना रह गया है। 88,000 ऋषियों की पावन तप:स्थली नैमिषारण्य अपनी पौराणिक महत्ता के अनुसार अब विकास की राह से जुड़ने जा रहा है।

सात गंतव्य स्थान के अधीन आते हैं शहर
राज्य के शहरी विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि श्री नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास योजना बनाने के पीछे का उद्देश्य नैमिषारण्य क्षेत्र का विकास करना और पर्यटन एवं संस्कृति विशेष रूप से धार्मिक क्रियाकलापों तथा अध्यात्मिक पर्यटन हेतु अवसंचनात्मक सुविधाओं का विकास करना है। विकास परिषद का गठन सीतापुर और हरदोई जिले के 36 गांवों को मिलाकर किया जाएगा और इसका मुख्यालय सीतापुर में बनाया जाएगा। जिसका क्षेत्रपल 8511.284 हेक्टेयर है और जिसमें ग्यारह गंतव्य स्थान सम्मिलित है। इसमें से सात गंतव्य स्थान जिला सीतापुर के अधीन आते हैं। यह कोरोना, जरीगवां, नैमिषारण्य, देवगंवा, मदरूवा, कोलूहता बरेठी और मिश्रीट हैं। चार अवस्थान जिला हरदोई के अधीन आते हैं, जो हरैया, नगवा कोठावां, गिरधरपुर, उमरारी और साक्षी गोपालपुर हैं। सम्पूर्ण परिपथ 209 मील अथवा 84 कोस का है। 

नैमिषारण्य धाम में शामिल होंगे यह 36 गांव 
ऊर्जा मंत्री आगे कहते है कि श्री नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद एक कॉर्पोरेट निकाय होगा और मुख्यमंत्री इसके अध्यक्ष होंगे, जबकि पर्यटन विभाग के मंत्री उपाध्यक्ष होंगे। कार्यकारी उपाध्यक्ष की नियुक्ति भी आदित्यनाथ करेंगे। इस परिषद का नेतृत्व एक मुख्य कार्यकारी अधिकारी करेगा, जिसे राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किया जाएगा। नैमिषारण्य क्षेत्र की विरासत के संरक्षण के लिए किए गए प्रयासों के ज्ञान, अनुभव, दृष्टि और ट्रैक रिकॉर्ड वाले पांच प्रतिष्ठित व्यक्तियों को राज्य सरकार के परामर्श से अध्यक्ष द्वारा नामित किया जाएगा। परिषद के गठन की अधिसूचना जारी होने के बाद योजना एवं विकास समिति का भी गठन किया जाएगा। राज्य के 36 गांव शामिल होंगे- अर्वापुर, सहसामऊ, ठाकुरनगर, लकैरामऊ बीठौली, नरसीधौली, मधवापुर, नरायनपुर, करमैसपुर, लक्षरपुर, रूपपुर, ऊतरधौना, खरगपुर, परसौली, सनजराबाद, घरवासपारा कलां, धरवासपारा, खुर्द, मिश्रीख, सरैयबीबी, जसरायपुर, कल्ली, लोकनापुर, करखीला, अटवा, मनिकापुर, लेखनपुर, लक्ष्मणनगर, नैमिषारण्य, भैरमपुर, मरैली, तरसवां, लोहगांपुर, बीजगरांट, बीनौरा, भानपुर और अजीजपुर।

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