
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के साथ ही समाजवादी पार्टी संगठन को फिर से सक्रिय करेगी। चुनाव में सक्रिय भूमिका अदा करने वाले नेताओं को चिन्हित कर उन्हें नई जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इसी के साथ संगठन को सक्रिय कर स्थानीय निकाय में धमाकेदार उपस्थिति दर्ज करने का प्रयास जारी है। इस रणनीति को पार्टी के बढ़े वोटबैंक को बरकरार रखने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है।
बढ़ा है सपा का वोटबैंक
यूपी चुनाव में सपा का वोटबैंक 21.82 फीसदी से बढ़कर 32 फीसदी पहुंच गया है। वहीं विधायकों की संख्या भी 47 से बढ़कर 111 हो गई है। जिसके बाद अब प्रयास जारी है कि इस बढ़त को बरकरार रखन के साथ ही नए लोगों को भी पार्टी से जोड़ा जाए। अभी अखिलेश यादव अकेले ही पार्टी के नेतृत्वकर्ता की भूमिका में रहें। इसके बाद पार्टी के बढ़े वोटबैंक को लेकर प्रयास जारी है कि ऐसे ही बढ़त नगर निकाय चुनाव में भी बरकरार रहें।
पार्टी के रणनीतिकार मानते हैं कि यदि 32 फीसदी का वोटबैंक निकाय चुनाव में भी बरकरार रहा तो पार्टी को काफी फायदा मिलेगा। हालांकि यह तभी संभव है जब संगठन सक्रिय रहे। लिहाजा विधानसभा चुनाव में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले नेताओं को चिन्हित कर संगठन में महत्वपूर्ण फेरबदल किए जाएंगे। इस दौरान जातीय समीकरण का भी ख्याल रखा जाएगा।
विधानसभा क्षेत्रवार होगी समीक्षा बैठक
होली के बाद संगठन को सक्रिय करने के लिए काम शुरु किया जाएगा। इसके लिए बूथ पर मिले वोट और उनके प्रभार वाले जिलों में मिले वोटों का आंकलन किया जाएगा। इस कामकाज की समीक्षा खुद अखिलेश यादव करेंगे। 21 मार्च को बैठक के बाद विधानसभा क्षेत्रवार समीक्षा बैठक होगी।
चुनाव में देर से सक्रिय हुआ संगठन
यूपी चुनाव 2022 को लेकर जानकार कहते हैं कि संगठन के देरी से संक्रिय होने की वजह से ही सपा को नुकसान हुआ। अक्टूबर में प्रदेश कार्यकारिणी घोषित हो गई थी। लेकिन बावजूद इसके सभी को सक्रिय होने में लंबा समय लगा।
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