वाराणसी सेंट्रल जेल में बंद एमएलसी बृजेश सिंह ने विधान परिषद का नामांकन पर्चा खरीद कर माहौल को अभी से गरमा दिया है। इसको लेकर यूपी के राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है। बृजेश सिंह को पिछले विधान परिषद चुनाव में बीजेपी की तरफ से समर्थन प्राप्त हुआ था।
वाराणसी: यूपी में विधानसभा चुनाव का महौल चल रहा है। विधानसभा चुनाव के बाद विधान परिषद के चुनाव होने हैं। इस चुनाव को लेकर अभी से यूपी का महौल गरमाने लगा है। दरअसल प्रधानमंत्री के विधानसभा क्षेत्र से वाराणसी सेंट्रल जेल में बंद एमएलसी बृजेश सिंह ने विधान परिषद का नामांकन पर्चा खरीद कर माहौल को अभी से गरमा दिया है। इसको लेकर यूपी के राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है। बृजेश सिंह को पिछली पर बीजेपी की तरफ से समर्थन प्राप्त हुआ था। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने अब तक एमएलसी चुनाव को लेकर अपनी रणनीति का खुलासा नहीं किया है।
वाराणसी में अभी तक वर्तमान एमएलसी बृजेश कुमार सिंह उर्फ अरुण और उनकी पत्नी व पूर्व एमएलसी अन्नपूर्णा सिंह सहित पांच लोगों के नाम से चालान रसीद खरीदी गई है। बात अगर अन्य राजनीतिक दलों की जाए तो उन्होंने प्रत्याशियों पर अभी तक अपना पता नहीं खोला है। उसको लेकर के राजनीतिक गलियारे में चर्चाओं का बाजार काफी गर्म है। ऐसे में इस बार भाजपा की रणनीति पर हर किसी की नजर रहने वाली है।
भाजपा ने 2016 में किया था समर्थन
2016 के विधान परिषद चुनाव में जेल में बंद बृजेश कुमार सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था जिसमें भाजपा ने अपना समर्थन दिया था। इस चुनाव में उन्होंने समाजवादी पार्टी के निकटतम प्रतिद्वंदी मीना कुमारी को 1954 वोट से हराया था। इसके बाद राजनीतिक गलियारे में माफिया के माननीय शब्द को लेकर के बृजेश सिंह की चर्चा काफी जोर पकड़ी थी। इस चुनाव में बृजेश सिंह को कुल 3038 वोट मिले थे और उनके प्रतिद्वंदी सपा के मीना सिंह को 1084 वोट से संतोष करना पड़ा था।
अन्य उम्मीदवारों की भी हो रही चर्चा
चुनावी मैदान में अन्य उम्मीदवारों के नाम की भी चर्चा तेज हो रही है। हालांकि, उप जिला निर्वाचन अधिकारी रणविजय सिंह का कहना है कि अभी तक किसी का नामांकन नहीं हुआ है। वहीं, बात अगर सियासत की अगर करें तो इस चुनाव को लेकर के अभी तक अन्य राजनीतिक दलों ने रुख साफ नहीं किया है। लोक दल के जयराम पांडे, लोजपा के इंद्रजीत कुमार सिंह और निर्दलीय दिलीप आर्या इस चुनाव में ताल ठोंकते अभी दिखाई पड़ रहे हैं। इन सभी लोगों ने चालान रसीद खरीद ली है।
बीजेपी का रुख साफ नहीं
विधान परिषद चुनाव को लेकर भाजपा ने अभी तक अपना रुख साफ नहीं किया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि एक बार फिर बीजेपी बृजेश सिंह का समर्थन कर सकती है। बृजेश सिंह के एक बार फिर चुनाव लड़ने से एमएलसी के चुनाव को लेकर के सभी राजनीतिक दलों का ध्यान इस ओर केंद्रित होता दिखाई पड़ रहा है। लोगों में भी इसको लेकर के काफी चर्चाएं हैं। यूपी विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया को लेकर भी इस चुनाव पर अधिक ध्यान नहीं दिए जाने की बात कही जा रही है।
15 मार्च से विधान परिषद चुनाव का होगा नामांकन
राजनीतिक दलों के अनुरोध के बाद निर्वाचन आयोग ने यह निर्णय लिया है कि एमएलसी चुनाव के लिए 9 अप्रैल को मतदान होगा। चुनाव की अधिसूचना 15 मार्च को जारी होगी। विधान परिषद चुनाव की मतगणना 12 अप्रैल को कराई जाएगी। राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश के बाद 15 मार्च से नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी। उस समय तक प्रदेश में विधानसभा चुनाव का शोर थम चुका होगा। ऐसे में राजनीतिक दलों की ओर से पसंदीदा उम्मीदवारों को उतारने में अधिक दिक्कत नहीं आएगी।
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