Special Story: हॉट सीट सरधना पर यूपी चुनाव में इस बार BJP की लगेगी हैट्रिक? , संगीत सोम को मिल रही कड़ी चुनौती

यूपी चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों की तैयारियां लगातार जारी हैं। हालांकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मेरठ की हॉट सीट सरधना पर जबदस्त सियासी समीकरण देखने को मिल रहा है। यहां संगीत सोम और सपा आरएलडी गठबंधन के प्रत्याशी अतुल प्रधान के बीच कड़ा मुकाबला है। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 31, 2022 5:42 AM IST / Updated: Jan 31 2022, 11:13 AM IST

गौरव शुक्ला

मेरठ: पहले कांग्रेस और अब भाजपा के लिए मुफीद कही जाने वाली सरधना विधानसभा सीट पर इस बार चुनावी जंग दिलचस्प है। यहां सभी की निगाहे इस सीट पर टिकी हुई हैं। लोगों के मन में सवाल है कि भाजपा के फायरब्रांड नेता और विधायक संगीत सोम जीत की हैट्रिक लगाएंगे या फिर साइकिल पर सवार समाजवादी पार्टी के अतुल प्रधान इस बार आगे निकल जाएंगे। 
गौरतलब है कि सरधना विधानसभा सीट से आजादी के बाद से लगातार 6 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की। भाजपा ने भी यहां 6 बार जीत हासिल की। लगातार दो बार से तो भाजपा के संगीत सोम ही यहां से चुनाव जीतें। इस सीट पर समाजवादी पार्टी जीत नहीं दर्ज कर पाई है। हालांकि बसपा, कांग्रेस, रालोद और जनता दल यहां से एक-एक बार जीत हासिल कर चुके हैं। 

सरधना विधानसभा सीट पर कांग्रेस औऱ जनता पार्टी का इतिहास 
1952 - कांग्रेस के फतेह सिंह राणा विधायक बने
1957 - कांग्रेस के रामजीलाल विधायक बने
1962 - कांग्रेस के रामजीलाल विधायक बने
1967 - कांग्रेस के जमादार सिंह विधायक बने
1971 - कांग्रेस के जमादार सिंह विधायक बने 
1974 - बीकेडी से नजीर अहमद विधायक बने 
1977 - ठाकुर बलवीर सिंह जनता पार्टी से विधायक बने 

मुस्लिम मतदाता है अधिक, ठाकुर चौबीसी का भी है प्रभाव 
सरधना विधानसभा सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अधिक है। यहां ठाकुर और चौबीसी का भी प्रभाव देखने को मिलता है। जाटव, जाट, गुर्जर और सैनी मतदाता को लेकर भी कहा जाता है कि वह किसी भी प्रत्याशी को हराने और जिताने का दमखम रखते हैं। 

सरधना को लेकर संगीत सोम को इस बार समाजवादी पार्टी के अतुल प्रधान से कड़ी चुनौती मिल रही है। संगीत सोम की हिंदूवादी छवि और भाजपा के चुनाव में ध्रुवीकरण का फार्मूला अगर यहां सफल होता है तो संगीत सोम जीत करने में सफल ही रहेंगे। वहीं सपा प्रत्याशी अतुल भी लगातार क्षेत्र में लगे हुए हैं। अतुल प्रधान को पिछली बार हार का सामना करना पड़ा था। उन पर 30 से ज्यादा मुकदमें दर्ज हैं। अतुल कहते हैं कि उन पर राशन बांटने तक पर मुकदमा दर्ज है। प्रधानमंत्री को झूठा बोला तब भी मेरे (अतुल प्रधान) पर मुकदमा दर्ज किया गया। 

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