
पंकज श्रीवास्तव
लखनऊ: 2014 से केंद्र में काबिज भारतीय जनता पार्टी अपने सबसे मजबूत गढ़ उत्तर प्रदेश को किसी भी हाल में गंवाना नहीं चाहेगी। 2022 के चुनावों का बिगुल बज चुका है, पार्टियों ने कमर कस ली है, मैदान सज चुके हैं और सब अपनी-अपनी चालें चल रहे हैं। बात अगर बीजेपी की करें तो प्रदेश में सरकार होने के बावजूद वह किसी भी तरह से किसी भी पार्टी को मौका नहीं देना चाहती है।
किसान आंदलोन के बाद वेस्ट यूपी में डगमगा रहे जनाधार को थामने की कोशिश
बीते करीब एक साल से देश में किसान आंदोलन बड़ा मुद्दा था, खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इस आंदोलन को लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार लगातार निशाने पर रही। आपको बता दें पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी अपनी मजबूत चुनावी हैट्रिक (2014, 2019 लोकसभा और 2017 विधानसभा) के बाद अब 2022 में चौथी बार कमल खिलाने को लेकर कोई कमी नहीं करना चाहती। इसके लिए बीजेपी ने अपने चुनावी चाणक्य गृहमंत्री अमित शाह को मैदान में उतार दिया है।
पलायन कर चुके परिवारों को बीजेपी ने कराई वापसी
भाजपा ने जिस तरह कैराना पलायन और 2013 के मुजफ्फरनगर हिंसा के बाद उन्होंने वेस्ट यूपी को मथा था, ध्रुवीकरण को धार दी थी और विपक्षी दलों को घेरा था। उसके बाद से ही वेस्ट यूपी में बीजेपी को मजबूती मिली थी अब एक बार फिर उस मजबूती को फिर से वहां के लोगों को बताने की जिम्मेदारी अमित शाह को पार्टी ने दी है।
दरअसल, 2014 के लिए जब नरेंद्र मोदी को पीएम कैंडिडेट घोषित किया था, उसके बाद बतौर यूपी बीजेपी प्रभारी शाह ने ही वेस्ट यूपी पर खास फोकस किया था। नतीजा वेस्ट यूपी की ज्यादातर लोकसभा सीटें 2014 में बीजेपी ने जीती थीं। 2017 के विधानसभा चुनाव में भी अमित शाह ने चुनावी कौशल दिखाया था और वेस्ट यूपी में बड़ी कामयाबी हासिल कराई थी। अमित शाह की चुनावी रणनीति के तहत वेस्ट यूपी के किसान, मजदूर, व्यापारी, डॉक्टर, वकील, युवा, शिक्षक, छात्र, करोबारी, महिलाओं कारुख बीजेपी की तरफ हो गया था, परिणाम भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार योगी के नेतृत्व में बनी थी।
खफा माने जा रहे नेताओं के साथ बैठक करेंगे शाह
अमित शाह मेरठ में वेस्ट यूपी के सभी पार्टी कैंडिडेट से मिलकर चुनावी तैयारियों और नाराज वर्करों व नेताओं को मनाने के टिप्स देंगे। 23 तारीख के बाद वेस्ट यूपी में पूरी तरह सक्रिय हो जाएंगे। स्टार प्रचारकों की सूची में भी अमित शाह शामिल हैं। वह नरेंद्र मोदी, नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह की तरह कुछ सभा और रैली करेंगे और उससे ज्यादा फोकस टिकट बंटवारे के बाद पहले और दूसरे फेस के चुनाव में नाराज हुए भाजपा के जनाधार वाले लोगों को साधने का करेंगे।
उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।