बहुजन समाजवादी पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने विरोधी पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा कि जग-जाहिर है कि विरोधी पार्टियों के किस्म-किस्म के लुभावने वादे व आश्वासन सभी घोर वादाखिलाफी साबित हुई है। इनकी सरकारों में यूपी के लोगों के हालात संभलने व वादे के मुताबिक अच्छे दिन लाने के बजाय लगातार बिगड़ती गई है। इसीलिए अब इनके बहकावे में नहीं आना ही होशियारी।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Vidhansabha Chunav) को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों ने तैयारियां कर ली है। शनिवार की शाम से सातवें चरण का प्रचार भी थम चुका है। पार्टी के नेता अभी भी एक-दूसरे पर सोशल मीडिया के जरिए हमला बोल रहे है। इसी कड़ी में बहुजन समाजवादी पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने विरोधी पार्टियों पर हमला करा है। उन्होंने ट्विटर में लगातार तीन ट्वीट कर विपक्षी दलों के आड़े हाथों लिया है। मायावती ने अपने पहले ट्वीट में बीएसपी की सरकार बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि यूपी के 9 जिलों की 54 विधानसभा सीटों पर कल 7वें व अन्तिम चरण के मतदान में यहां गरीबी व बेरोजगारी के सताए हुए उपेक्षित लोग अपने वोट की ताकत से अपनी तकदीर तथा प्रदेश की तस्वीर बदलने का काम कर सकते हैं, जिसके लिए बीएसपी की सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय की आयरन सरकार बनानी जरूरी।
बहुजन समाजवादी पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने दूसरे ट्वीट में विपक्षी दलों पर निशाने साधते हुए कहा कि जग-जाहिर है कि विरोधी पार्टियों के किस्म-किस्म के लुभावने वादे व आश्वासन सभी घोर वादाखिलाफी साबित हुई है। इनकी सरकारों में यूपी के लोगों के हालात संभलने व वादे के मुताबिक अच्छे दिन लाने के बजाय लगातार बिगड़ती गई है। इसीलिए अब इनके बहकावे में नहीं आना ही होशियारी।
मायावती ने तीसरे ट्वीट में भी विरोधी पार्टियों पर हमला करते हुए कहा कि विरोधी पार्टियों ने धनबल सहित साम, दाम, दण्ड, भेद आदि सभी प्रकार के हथकण्डों को अपनाकर यूपी के चुनाव को अपने पक्ष में करने का खूब जतन किया, लेकिन जानलेवा महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, सरकार की निरंकुशता व आवारा पशु आदि से पीड़ित जनता अपने बुनियादी मुद्दों पर डटी रही है।
सोशल मीडिया के जरिए विपक्षी दल साध रहे निशाना
यूपी की सत्ता में आने के लिए पार्टियों ने चुनाव प्रचार में अपनी-2 ताकत झोंकी तो वहीं एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी जारी रहा। उत्तर प्रदेश की सत्ता में आने के लिए प्रचार प्रसार में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। इसके साथ ही नेताओं ने जनसभाओं को संबोधित करने के दौरान, रोड शो या रैलियों में एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला बंद भी नहीं किया। आखिरी चरण के मतदान में कुछ घंटे ही शेष रह गए हैं लेकिन पार्टी के नेता अभी भी विपक्षी दलों पर तंज कसने से पीछे नहीं हट रहे है। फर्क इतना है कि किसी जनसभा या रैली में नहीं बल्कि सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है।