
लखनऊ(Uttar Pradesh ). कोरोना संकट के चलते उत्तर प्रदेश में बुधवार को योगी सरकार की कैबिनेट बैठक के दौरान एक बड़ा फैसला लिया गया है। यूपी सरकार की कैबिनेट ने अहम फैसला लेते हुए प्रदेश के विधायकों को मिलने वाले फंड की को एक साल के लिए स्थगित कर दिया है। इसके साथ ही यहां के निर्वाचित विधायकों और एमएलसी के वेतन में भी 30 फीसदी की कटौती की गई है।
यूपी में पहली बार योगी सरकार की कैबिनेट मीटिंग वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई। कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रही यूपी सरकार की लॉकडाउन के दौरान इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा था। केंद्र सरकार की तर्ज पर योगी सरकार ने भी जनप्रतिनधियों के फंड में कटौती के साथ ही उनकी सैलरी में कटौती की है।
केंद्र सरकार ने भी लिया ये बड़ा फैसला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए सांसद निधि के फंड को 2 साल तक के लिए स्थगित कर दिया था। इसके साथ ही कोरोना से निपटने के लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सांसदों के वेतन में 30 फीसदी कटौती का भी फैसला लिया गया था। यह फैसला 1 अप्रैल 2020 से लागू ही अमल में लाया गया था। इस फैसले के तत्काल बाद ही राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपालों ने भी स्वेच्छा से साल भर तक तीस फीसद कम वेतन लेने की स्वीकृति जताई थी।
अब तक मिले हैं 343 कोरोना संक्रमित मरीज
स्वास्थ्य विभाग द्वार जारी आंकड़ों के अनुसार यूपी में अभी तक कुल 343 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं। प्रदेश के सभी संक्रमित जिलों में से 6 या उससे अधिक कोरोना मरीजों की संख्या वाले 15 जिलों में डीएम-एसपी द्वारा 104 हॉटस्पॉट को चिह्नित करने का काम किया गया है। इन इलाकों को पूरी तरह सील किया गया है।
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