कोरोना संकट: यूपी सरकार का सभी निजी स्कूलों को निर्देश, इस साल नहीं बढ़ा सकेंगे फीस

कोरोना संक्रमण के कारण इस वक्त देश में लॉकडाउन चल रहा है। ऐसे में अभिभावकों की मांग थी किए स्कूलों द्वारा फीस में बढ़ोत्तरी ना की जाए। इसी को देखते हुए योगी सरकार ने फैसला किया है कि वर्तमान शैक्षिक सत्र 2020-21 में कोई भी स्कूल फीस में बढोतरी नहीं करेगा। 

Asianet News Hindi | Published : Apr 27, 2020 7:28 PM IST

लखनऊ. कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है। राज्य सरकार ने तय किया है कि यूपी में सभी निजी स्कूल इस वर्ष फीस नहीं बढ़ाएंगे। उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने बताया कि जिस स्कूल ने फीस बढ़ा दी है और अभीभावक उसका भुगतान कर चुके हैं। ऐसे में उस स्कूल को बढ़ी हुई फीस को अगले महीने के फीस के साथ समायोजित किया जाएगा। अगर कोई स्कूल ऐसा नहीं करता तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 

वर्तमान शैक्षिक सत्र में कोई भी स्कूल फीस में बढोतरी नहीं कर सकेगा

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बतादें कि कोरोना संक्रमण के कारण इस वक्त देश में लॉकडाउन चल रहा है। ऐसे में अभिभावकों की मांग थी किए स्कूलों द्वारा फीस में बढ़ोत्तरी ना की जाए। इसी को देखते हुए योगी सरकार ने फैसला किया है कि वर्तमान शैक्षिक सत्र 2020-21 में कोई भी स्कूल फीस में बढोतरी नहीं करेगा। अगर कोई इसका पालन नहीं करता तो उसके खिलाफ उप्र स्वावित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क निर्धारण) अधिनियम-2018 के अंतर्गत गठित जिला शुल्क नियामक समिति के समक्ष शिकायत दर्ज करवाई जा सकेगी।

लॉकडाउन के कारण अभिभावकों के रोजगार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है

राज्य सरकार में उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने सोमवार को अपने कार्यालय में इस मुद्दे पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। जिसमें यह फैसला लिया गया कि उत्तर प्रदेश में समस्त बोर्ड जैसे उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड), केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) भारतीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (आईसीएसई), इंटरनेशनल बेक्कलॉरेट (आईबी) और इंटरनेशनल जनरल सर्टिफिकेट आफ सेकेंडरी एजुकेशन (आईजीसीएसई) द्वारा संचालित स्कूलों में फीस नहीं बढ़ाई जाएगी। बतादें कि लॉकडाउन के कारण अभिभावकों के रोजगार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, ऐसे में उन्हें फीस जमा करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। 

फीस जमा नहीं होने पर स्कूल छात्रों का नाम भी नहीं काट सकेगा

इस फैसले के बाद स्कूल शैक्षिक सत्र 2019-20 में जो शुल्क निर्धारित किया गया था, उसी के अनुसार इस वर्ष फीस लेंगे। सरकार ने सभी जिलों के डीएम और माध्यमिक शिक्षा निदेशक को पत्र जारी कर इसका कड़ाई से पालन करवाने के निर्देश दिए हैं। डिप्टी सीएम ने कहा कि अगर कोई अभिभावक किसी कारण से फीस जामा नहीं करवा पा रहे हैं तो स्कूल इस दौरान किसी छात्र का नाम भी नहीं काटेगा।

इससे पहले भी राज्य सरकार ने तीन-तीन महीने की फीस एक साथ वसूल रहे निजी स्कूलों को एक-एक महीने की फीस लेने के आदेश दिए गए थे। 

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