हाईकोर्ट के निर्देश के बाद एक्शन में योगी सरकार, भुगतान के लिए चीनी मिलों को दिया 31 अक्टूबर तक समय

पेराई सत्र चालू होने से पहले अक्टूबर अंत तक गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान कर दिया जाना चाहिए। भुगतान करने में नाकाम रहने पर रिकवरी सर्टिफिकेट (आरसी) जारी किया जाएगा।

मुजफ्फरनगर (Uttar Pradesh). उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि राज्य सरकार ने चीनी मिलों को गन्ना किसानों के बकाया का 31 अक्टूबर तक भुगतान करने को कहा है। सरकार ने बकाये का भुगतान नहीं करने वाली मिलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।

उन्होंने कहा, पेराई सत्र चालू होने से पहले अक्टूबर अंत तक गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान कर दिया जाना चाहिए। भुगतान करने में नाकाम रहने पर रिकवरी सर्टिफिकेट (आरसी) जारी किया जाएगा। जिसके तहत गोदाम से चीनी की बिक्री करके किसानों के बकाये का भुगतान कर दिया जाएगा।

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दो मिलों ने किया भुगतान 
राणा ने कहा, सहारनपुर जिले की 17 में से दो चीनी मिल तिकोला और मंसूरपुर ने अपने बकाये का भुगतान कर दिया है। जबकि तीन अन्य सरसवा, देवबंद और ननोता ने बकाये के 90 प्रतिशत का भुगतान कर दिया। राज्य सरकार किसानों को पूरा भुगतान सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रही है। मुजफ्फरनगर के गन्ना अधिकारी आर. डी. द्विवेदी ने कहा कि जिले में दो मिलों ने किसानों को पूरा भुगतान कर दिया है जबकि छह अन्य को 318.13 करोड़ रुपये का बकाया चुकाना है।

हाईकोर्ट ने दिया था बकाये भुगतान का निर्देश
बता दें, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को दो किसानों की याचिका पर राज्य सरकार को किसानों के बकाये का भुगतान करने का निर्देश दिया है। किसानों ने अपनी याचिका में कहा था कि उन्होंने बैंकों से कर्ज लेकर गन्ना उगाया था। लेकिन वे कर्ज की अदायगी करने की स्थिति में नहीं हैं, क्योंकि उनके बकाये का भुगतान नहीं किया गया।

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