महिला की हालत को नाजूक देखते हुए ये कदम उठाया गया। हालांकि जच्चा और बच्चा दोनों बिल्कुल स्वस्थ्य हैं। कर्मियों ने दोनों को बेहतर उपचार के लिए शहाबगंज पीएचसी पर भर्ती कराया दिया। प्रसुता ने बताया कि संकट के समय एंबुलेंस कर्मियों ने दो लोगों को जीवनदान दिया।
चंदौली: अस्पताल प्रशासन और एंबुलेंस कर्मियों की लापरवाही व सेवंदनहीनता के कई मामले आपने सुने होंगे। लेकिन चंदौली में एंबुलेंस कर्मियों ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए अनोखा काम किया है। शुक्रवार सुबह शहाबगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात एंबुलेंस कर्मियों ने शुक्रवार की भोर में एक गर्भवती महिला का बीच रास्ते में ही प्रसव करा दिया। बता दें कि इस इस यूपी में सरकारी अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कई मामले देखने को मिला है।
एंबुलेंस कर्मियों ने दो लोगों को दिया जीवनदान
महिला की हालत को नाजूक देखते हुए ये कदम उठाया गया। हालांकि जच्चा और बच्चा दोनों बिल्कुल स्वस्थ्य हैं। कर्मियों ने दोनों को बेहतर उपचार के लिए शहाबगंज पीएचसी पर भर्ती कराया दिया। प्रसुता ने बताया कि संकट के समय एंबुलेंस कर्मियों ने दो लोगों को जीवनदान दिया। शहाबगंज ब्लॉक के पचपरा निवासी मुस्तफा की पत्नी गर्भवती थी। शुक्रवार की भोर में प्रसव पीड़ा होने लगी। पत्नी की हालत गंभीर देख मुस्तफा ने हेल्पलाइन पर फोन करके एंबुलेंस उपलब्ध कराने की गुहार लगाई। इसके कुछ ही देर बाद एंबुलेंस के साथ पायलट सत्यपाल यादव और एमटी संदीप पाल पचपरा गांव पहुंच गए।
परिजन बोले- एंबुलेंस की सुविधा काफी कारगर
गर्भवती सेहरून, मुस्तफा और आशा कार्यकर्ता तारा देवी को लेकर शहाबगंज पीएचसी को रवाना हो गए। लेकिन बीच रास्ते में ही सेहरून की हालत ज्यादा खराब हो गई। ऐसे में एंबुलेंस कर्मियों ने गर्भवती के पति से अनुमति लेने के बाद वाहन में मौजूद उपकरणों के सहारे सुरक्षित प्रसव करा दिया। महिला और नवजात का स्वास्थ्य एकदम बेहतर है। जिन्हें उपचार के लिए शहाबगंज स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर भर्ती कराया गया है। जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद दोनों को स्वस्थ्य पाया। प्रसुता के पति मुस्तफा ने बताया कि शासन के द्वारा संचालित एंबुलेंस की सुविधा काफी कारगर है। कर्मियों के सूझबूझ के चलते ही उनके घर किलकारी गूंजी है।