रामपुर में बुर्का पहनी महिलाओं को स्टेडियम से निकाला बाहर, क्रीड़ा अधिकारी पर लगे गंभीर आरोप

बमनपुरी स्टेडियम में पांच महिलाएं बुर्का पहनकर पहुंच गईं। वे ट्रैक पर घूम रही थीं, जबकि वहां खिलाड़ी प्रैक्टिस कर रहे थे और कुछ दौड़ लगा रहे थे। इस पर खेल विभाग के कर्मचारियों ने महिलाओं से वहां से निकल जाने को कहा। तब वह कर्मचारियों से ही नोकझोंक करने लगीं। 

रामपुर: बीते दिनों मुस्लिम महिलाओं के बुर्का पहने का मामला काफी चार्चाओं में रहा था। एक बार फिर बुर्के को लेकर विवाद देखने को मिला है। दरअसल बमनपुरी स्टेडियम में महिलाएं बुर्का पहनकर पहुंच गई। इसके बाद कर्मचारियों ने उन्हे वहां से बाहर निकाल दिया। इसको लेकर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के नेता और जिला क्रीड़ा अधिकारी के बीच नोकझोंक भी हो गई। 

बमनपुरी स्टेडियम में पांच महिलाएं बुर्का पहनकर पहुंच गईं। वे ट्रैक पर घूम रही थीं, जबकि वहां खिलाड़ी प्रैक्टिस कर रहे थे और कुछ दौड़ लगा रहे थे। इस पर खेल विभाग के कर्मचारियों ने महिलाओं से वहां से निकल जाने को कहा। तब वह कर्मचारियों से ही नोकझोंक करने लगीं। 

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कर्मचारियों ने उन्हें बाहर निकाल दिया। इस पर महिलाओं ने भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष वसीम खान और उनके समर्थकों को बुला लिया। बात बढ़ी तो जिला क्रीड़ा अधिकारी नवीन कुमार भी पहुंच गए।

क्रीड़ा अधिकारी पर लगाया सरकार की छवि खराब करने का आरोप
भाजपा नेता और क्रीड़ा अधिकारी में नोकझोंक होने लगी। भाजपा नेता ने अधिकारी पर हिंदू- मुस्लिम विवाद पैदा करने और सरकार की छवि खराब करने का आरोप लगाया। इसपर अधिकारी ने साफ कह दिया कि वह न तो सरकार की छवि खराब कर रहे हैं और न ही हिंदू मुसलमान की बात कर रहे हैं। 

खिलाड़ी ट्रैक पर लगा रहे थे दौड़
स्टेडियम में ज्यादातर खिलाड़ी भी मुसलमान ही आते हैं। स्टेडियम में ट्रैक सूट में आने का नियम है और स्टेडियम खेलने की जगह है, महिलाओं के घूमने की नहीं। वह नियमों का पालन करा रहे हैं। जिला क्रीड़ा अधिकारी ने कहा कि जिस समय महिलाएं ट्रैक पर पहुंचीं तब खिलाड़ी दौड़ लगा रहे थे। 

फुटबाल और हाकी भी खेल रहे थे। खिलाड़ी तेजी से दौड़ते हैं। तेजी से दौड़ता कोई खिलाड़ी अगर किसी महिला को टच भी हो जाता तो अनावश्यक विवाद पैदा हो जाता। किसी महिला को गेंद लगने से भी दिक्कत हो सकती थी। बात केवल बुर्का पहनने की नहीं है। अगर ये महिलाएं सलवार सूट या साड़ी पहनकर भी ट्रैक पर जाना चाहती तो भी नहीं जाने दिया जाता।

जिला क्रीड़ा अधिकारी नवीन कुमार ने बताया कि स्‍पोर्ट्स स्टेडियम में आने के कई नियम निर्धारित हैं। प्ले ग्राउंड में ट्रैक पर जाने के लिए खेल विभाग का कार्ड बनवाना जरूरी है। इसकी 200 रुपये माहवार फीस निर्धारित है। इसके बाद खिलाड़ी को समय दिया जाता है। 

स्टेडियम में नियम के चलते महिलाओं को निकाला बाहर 
वह उसी समय खेल सकता है। सुबह 5:30 से नौ बजे और शाम को चार से सात बजे तक खेलने का समय है। खिलाड़ी को खेल की ड्रेस पहनना भी जरूरी है। इसके लिए नेकर टी-शर्ट या ट्रैक सूट और स्पोर्ट्स शूज पहनना जरूरी है।

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