मर्चरी से उसकी लाश को पोस्टमार्टम के लिए ले जाते वक्त दोनों आंखें गायब मिलीं। इस बारे में जिला अस्पताल के सीएमएस ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया तो भोलू के परिवारीजनों ने जिलाधिकारी से सीएमएस की शिकायत की है।
बदायूं: जिला कारागार में कैदी की आत्महत्या से जुड़ा एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। हालांकि इस मामले ने जिला अस्पताल प्रशासन सवालों के घेरे में आ गया है। दरअसल जेल में कल खुद को फांसी लगाकर जान दे देने वाले कैदी की लाश की आंखें गायब मिली हैं।
सीएमएस ने जिम्मेदारी से झाड़ा पल्ला
उसकी लाश को जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया था। जिला जेल में खुदकुशी के बाद जिला अस्पताल लाए गए शव की आंखें सही सलामत थीं। ऐसे में उसकी आंखें गायब हो जाने को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। मोर्चरी से उसकी लाश को पोस्टमार्टम के लिए ले जाते वक्त दोनों आंखें गायब मिलीं। इस बारे में जिला अस्पताल के सीएमएस ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया तो भोलू के परिवारीजनों ने जिलाधिकारी से सीएमएस की शिकायत की है।
अदालत ने चार साल की सुनाई थी सजा
मिली जानकारी के अनुसार भोलू शर्मा ने रविवार को जेल के शौचालय में आत्महत्या कर ली थी। जेल प्रशासन के मुताबिक भोलू अलीगढ़ जिले के अतरौली थाना क्षेत्र के नाहल गांव का रहने वाला था। आठ सितम्बर 2020 को उसे गैंगेस्टर के मामले में बदायूं जेल भेजा गया था। अदालत ने उसे चार साल की सजा सुनाई थी। लम्बे समय से जेल में भोलू से मिलने कोई नहीं आया। इसे लेकर वह अवसाद में था।
ऐसे की थी आत्महत्या
जेल प्रशासन के मुताबिक रविवार की दोपहर उसने जेल के शौचालय में हैंडल से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। काफी देर तक जब वह बाहर नहीं निकला और अंदर से दरवाजा बंद रहा तो जेल के कर्मचारियों ने झांककर देखा। कर्मचारियों ने देखा कि भोलू फंदे से लटक रहा है। इसके बाद उसे बाहर निकालकर जिला अस्पताल पहुंचाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जेल प्रशासन ने भोलू की मौत की जानकारी उसके परिवारीजनों को देने के बाद उसकी लाश को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया।
कानपुर हिंसा: एसआईटी ने संभाली कमान, टीम ने पूरे क्षेत्र का किया दौरा, अधिकारियों से ली पूरी अपडेट