पिता मुलायम की कृपा से अखिलेश बने थे सीएम, जब से नेतृत्व संभाला तब से लगातार मिल रही हार- ओम प्रकाश राजभर

आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में मिली हार के बाद अखिलेश यादव अपनी ही सहयोगी पार्टियों के निशाने पर आ गए हैं। खास तौर पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) मुखिया ओम प्रकाश राजभर अखिलेश यादव के खिलाफ खुलकर बयानबाजी कर रहे हैं। 
 

Asianet News Hindi | Published : Jun 30, 2022 7:41 AM IST / Updated: Jun 30 2022, 01:12 PM IST

लखनऊ: विधानसभा चुनाव 2022 में सपा को मिली हार के बाद सहयोगी दल सुभासपा के मुखिया ओम प्रकाश राजभर के तेवर बदले-बदले से नजर आ रहे हैं। अभी तक देखने को मिल रहा था कि राजभर अखिलेश के विरोध में खुलकर बयानबाजी नहीं कर रहे थे। लेकिन कहीं न कहीं इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा था कि जल्दी ही राजभर सपा का साथ छोड़ देंगे। इसी के चलते राजभर ने कहा कि  अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी का नेतृत्व संभाला है तब से उनकी पार्टी को किसी चुनाव में जीत नहीं मिली है।

राजभर ने अखिलेश को एसी कमरे  से निकलकर राजनीति करने की सलाह
आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में मिली हार के बाद अखिलेश यादव अपनी ही सहयोगी पार्टियों के निशाने पर आ गए हैं। खास तौर पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) मुखिया ओम प्रकाश राजभर अखिलेश यादव के खिलाफ खुलकर बयानबाजी कर रहे हैं। 

उपचुनाव में मिली हार के बाद राजभर ने अखिलेश यादव को एसी कमरे से निकलकर राजनीति करने तक की सलाह दे डाली। राजभर ने यहां तक कह दिया कि जब से अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी का नेतृत्व संभाला है तब से उनकी पार्टी को किसी चुनाव में जीत नहीं मिली है।

'पिता मुलायम की कृपा पर बने अखिलेश सीएम'
उन्होंने ये भी कहा कि अखिलेश यादव अपने दम पर नहीं बल्कि अपने पिता मुलायम सिंह यादव की कृपा से साल 2012 में सीएम बने। उन्होंने कहा अखिलेश यादव के नेतृत्व में 2014 हो, 2017 हो, 2019 हो, 2022 हो या फिर एमएलसी चुनाव सिर्फ और सिर्फ हार का ही  मुंह देखना पड़ा है।

अखिलेश और मायावती दोनो एक दूसरे को खत्म करने में जुटे
ओम प्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती को साथ आने की सलाह दी है। राजभर ने कहा कि आज अखिलेश यादव और मायावती दोनों एक दूसरे को दबाने और खत्म करने में जुटे हुए हैं जबकि उन्हें साथ आना चाहिए। 

राजभर ने मायावती को लेकर भी कहा कि मायावती बहुत खुश हैं कि बीजेपी जीत गई और सपा हार गई। लेकिन ये दोनों पार्टियों के लिए सीख है कि चुनाव लड़ना है तो कायदे से लड़िए और समाज को गुमराह मत कीजिए। राजभर ने ये भी कहा कि अगर सपा और बसपा दलितों और पिछड़ों को न्याय दिलाना चाहते हैं तो इन्हें साथ मिलकर लड़ना होगा।

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