लखनऊ में पीजीआई अस्पताल में बत्ती गुल, ओपीडी पंजीकरण घंटों से ठप

सुबह सवा नौ बजे पीजीआई में बिजली गुल हो गई। 11.20 बजे तक बिजली नहीं आई है। मरीज पंजीकरण के लिए परेशान हैं। सुबह चार बजे से कतार में खड़े मरीज बेहाल है। नाराज मरीज-तीमारदार ने अधिकारियों से शिकायत की। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 17, 2022 8:33 AM IST

लखनऊ: यूपी में भीषण गर्मी के बीच बिजली व्यवस्था दम तोड़ती नजर आ रही है। पूरे प्रदेश भर से सोशल मीडिया पर शिकायतें सामने आ रही है। आलम ये है कि अब बड़े-बड़े अस्पतालों में भी इसका असर देखने को मिल रहा है। पीजीआई में शुक्रवार को सुबह बिजली गुल हो गई। इसकी वजह से पंजीकरण काम ठप हो गया। काउंटर के सामने लंबी-लंबी कतारें लग गई। रिपोर्ट लेने के लिए मरीजों को जद्दोजहद करनी पड़ी।

मरीज पंजीकरण के लिए परेशान
सुबह सवा नौ बजे पीजीआई में बिजली गुल हो गई। 11.20 बजे तक बिजली नहीं आई है। मरीज पंजीकरण के लिए परेशान हैं। सुबह चार बजे से कतार में खड़े मरीज बेहाल है। नाराज मरीज-तीमारदार ने अधिकारियों से शिकायत की। 

इसके बावजूद अभी तक समस्या का हल नहीं हुआ है। बड़ी संख्या में मरीज रिपोर्ट के लिए भी भटकते रहे। पंजीकरण ना होने से भीड़ खचाखच हॉल में भर गई। इससे वहां उमस व अफरातफरी का माहौल बन गया।

बिजली कटौती ने छुड़वाया उपभोक्ताओं का पसीना
वाराणसी, प्रयागराज, बरेली, कानपुर, अलीगढ़, मेरठ, सहारनपुर, गोरखपुर, बस्ती, आजमगढ़, झांसी, ललितपुर, चंदौली, गाजीपुर, प्रतापगढ़, बलिया, सोनभद्र, मिर्जापुर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, देवरिया, गाजियाबाद, मुरादाबाद समेत तमाम जिलों के शहरी इलाकों में दो से चार घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में आठ से 10 घंटे तक कटौती ने उपभोक्ताओं के पसीने छुड़ा दिए हैं।

तकनीकी कारणों का हवाला देकर की जा रही कटौती
लोकल फाल्ट व अन्य तकनीकी कारणों का हवाला देकर बड़े पैमाने पर आपात कटौती की जा रही है। यह स्थिति पुराने लखनऊ से लेकर ट्रांसगोमती वाले क्षेत्रों और वीआईपी इलाकों की है। लखनऊ के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में हालात और भी खराब हैं। चिनहट, काकोरी, मोहनलालगंज, सरोजनीनगर आदि क्षेत्रों में कई-कई घंटे की कटौती से लोग परेशान हैं।

भीषण गर्मी में राजधानी समेत तकरीबन सभी बड़े शहरों, जिला मुख्यालयों पर अघोषित कटौती से लोग बेहाल हो गए हैं। गांवों, कस्बों व तहसील मुख्यालयों पर शिड्यूल के अनुसार आपूर्ति नहीं हो पा रही है। केंद्र व राज्य की कई तापीय इकाइयों के बंद होने की वजह से संकट और बढ़ गया है। 

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