यूपी में महंगी दवाइयां लिखने पर डॉक्टरों पर होगी सख्त कार्रवाई, मरीज घर बैठे ऐसे कर सकेंगे शिकायत

स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सभी डॉक्टरों को ये आदेश जारी किया है। आदेश के मुताबिक डॉक्टर अब दवा का नाम नहीं बल्कि सॉल्ट का नाम लिखेंगे। अगर कोई डॉक्टर महंगी दवाईयां लिखता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। मंगलवार को यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग को सख्त हिदायत दी है कि कोई डॉक्टर ब्रांडेड दवाईयां पर्चे पर नहीं लिखेंगे। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 29, 2022 11:43 AM IST / Updated: Jun 29 2022, 05:23 PM IST

लखनऊ: यूपी में अस्पतालों में फैली अव्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। हाल ही में ब्रजेश पाठक ने मरीजों का हाल जानने के लिए फोन पर बात करने की बात कही थी। इसके बाद एक बार फिर डाक्टरों के लिए निर्देश जारी किया गया है। डॉक्टर अब मरीजों को ब्रांडेड और महंगी दवाईयां नहीं लिख सकते। डॉक्टरों को सिर्फ जेनेरिक दवाईयां ही लिखने का आदेश है। 

महंगी दवाईयां लिखने पर डॉक्टरों पर होगी सख्त कार्रवाई
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सभी डॉक्टरों को ये आदेश जारी किया है। आदेश के मुताबिक डॉक्टर अब दवा का नाम नहीं बल्कि सॉल्ट का नाम लिखेंगे। अगर कोई डॉक्टर महंगी दवाईयां लिखता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। मंगलवार को यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग को सख्त हिदायत दी है कि कोई डॉक्टर ब्रांडेड दवाईयां पर्चे पर नहीं लिखेंगे। 

 जेनरिक दवाईयां लिखने के आदेश
डॉक्टरों को जेनरिक दवाईयां ही लिखनी होगी और उनका सॉल्ट लिखना होगा। डिप्टी सीएम का आदेश मिलने के बाद अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा और स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने सभी डॉक्टरों को आदेश जारी कर कहा है कि वो जेनेरिक दवाईयां ही लिखें। नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर आप महंगी दवाईयां लिखने वाले डॉक्टर की शिकायत कर सकते हैं।

http://scdrc.up.nic.in/
http://scdrc.up.nic.in/email_list.htm

सरकारी अस्पतालों को देनी होगी दवाइयों की सूची
चिकित्सा विभाग द्वारा जारी आदेश में ये भी कहा गया है कि सभी सरकारी अस्पतालों को उपलब्ध दवाईयों की सूची देनी होगी। इसके अलावा ये भी कहा गया है कि डॉक्टर किसी भी कीमत पर मरीजों को बाहर से दवाएं नहीं लिखेंगे। 

आदेश में कहा गया है कि अगर अस्पताल में कोई दवा नहीं है तो डॉक्टर उस दवा के ब्रांड का नाम लिखने की बजाय उसका सॉल्ट लिखेंगे ताकि मरीज सरकारी अस्पताल के जन औषधि केंद्र पर जाकर सॉल्ट के मुताबिक जेनेरिक दवा खरीद सके। इस आदेश का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है। 

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