ब्रजेश पाठक ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जिम्मेदारों को शर्म आनी चाहिए। जनता का यह पैसा अफसरों से वसूला जाएगा। एक-एक पाई का हिसाब लिया जाएगा। डिप्टी सीएम ने 3 दिन में जांच रिपोर्ट तलब की है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। डीप्टी सीएम ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए दवाई को गोदाम पर छापेमारी की। वह ट्रांसपोर्ट नगर स्थित सरकारी मेडिकल सप्लाई कार्पोरेशन के गोदाम का जायजा लेने पहुंच गए। इस दौरान उन्हें वहां पर 16 करोड़ 40 लाख रुपए से अधिक की दवाइयां एक्सपायर मिलीं, जो अस्पतालों में भेजी ही नहीं गई थीं।
'जिम्मेदारों को शर्म आनी चाहिए'
ब्रजेश पाठक ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जिम्मेदारों को शर्म आनी चाहिए। जनता का यह पैसा अफसरों से वसूला जाएगा। एक-एक पाई का हिसाब लिया जाएगा। डिप्टी सीएम ने 3 दिन में जांच रिपोर्ट तलब की है।
'खुद नौकरी छोड़ दें, नहीं तो घर का रास्ता दिखा देंगे'
डिप्टी सीएम ने अधिकारियों को नसीहत देते हुए कहा कि जिन लोगों की जिम्मेदारी गोदाम से अस्पतालों तक दवाएं पहुंचाने की है। यह काम भी नहीं कर पा रहे हैं, तो सरकारी नौकरी में बने रहने का क्या मतलब है? केवल तनख्वाह हासिल करने के लिए नौकरी की जा रही है? ऐसे अफसरों को खुद नौकरी छोड़ देनी चाहिए नहीं तो हम घर का रास्ता दिखा देंगे।
मामले की जांच के गठित की गई टीम
ब्रजेश पाठक ने कहा की यह घोर अनियमितता है। इसके लिए किसी भी तरह की माफी संभव नहीं है। एक तरफ अस्पतालों में संसाधनों का अभाव है, आम आदमी दवाओं के इंतजार में लंबी लाइन लगाकर घंटों खड़ा रहता है।
दूसरी तरफ सरकारी गोदाम में करोड़ों रुपए की दवाएं एक्सपायर हो गई हैं। यह सीधे तौर पर प्रदेश की जनता के साथ अन्याय है। मामले में जांच के लिए समिति का गठित कर दी गई है।
निरीक्षण के दौरान ब्रजेश पाठक ने दवाइयों के गत्ते से खुद दवा निकाली और उसकी एक्सपायरी चेक की। पैक से निकले इंजेक्शन को देखकर उन्होंने कहा कि इसमें लिखा है कि इसे कूल और ड्राई प्लेस में रखना है। यहां तो पूरा सीमेंट की दुकान जैसा माहौल है। यह वेयर हाऊस है या सीमेंट की दुकान। इन दवाइयों से किसी की जान बचानी है या जान लेनी है।
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