योगी कैबिनेट की मंगलवार को लखनऊ में आयोजित मीटिंग में ट्रांसफर पॉलिसी को मंजूरी दी गई है। नीति की मुख्य बात ये है कि जनपद यानी जिलों में तीन साल और मंडल में सात साल का कार्यकाल पूरा कर चुके कर्मचारियों और अधिकारियों का तबादला हो सकता है।
लखनऊ: योगी सरकार ने कर्मचारियों के लिए ट्रांसफर पॉलिसी जारी कर दी है। जल्द ही इसका शासनादेश कार्मिक विभाग जारी कर देगा। कैबिनेट में जिस ट्रांसफर पॉलिसी पर मुहर लगी है उसके मुताबिक अगले 15 दिनों में 30 जून तक सभी पात्र कर्मचारियों के तबादले कर दिये जाएंगे।
योगी कैबिनेट की मंगलवार को लखनऊ में आयोजित मीटिंग में ट्रांसफर पॉलिसी को मंजूरी दी गई है। नीति की मुख्य बात ये है कि जनपद यानी जिलों में तीन साल और मंडल में सात साल का कार्यकाल पूरा कर चुके कर्मचारियों और अधिकारियों का तबादला हो सकता है।
30 जून तक किया जा सकता है ट्रांसफर-पोस्टिंग
कैबिनेट मीटिंग के बाद सरकार के बयान में कहा गया है कि तबादला नीति सिर्फ साल 2022-23 के लिए प्रभावी है और इसके तहत 30 जून तक ट्रांसफर-पोस्टिंग किया जा सकता है। सरकार ने समूह क और ख वर्ग के अधिकारियों के लिए जिला में 3 साल और मंडल में 7 साल की सेवा को ट्रांसफर का आधार बनाया है।
साथ ही जिले से समूह क और ख के अधिकारियों का तबादला उनकी कुल संख्या के 20 फीसदी से अधिक ना हो। जबकि समूह ग और घ के लिए यह अनुपात जिले में उपलब्ध कर्मचारियों की संख्या के 10 फीसदी तय किया गया है।
मेरिट के आधार पर होगा ट्रांसफर
यूपी की तबादला नीति में समूह ख और ग के अधिकारियों और कर्मचारियों के ट्रांसफर में जहां तक संभव हो सके मेरिट के आधार पर ऑनलाइन ट्रांसफर सिस्टम का इस्तेमाल करने का प्रावधान किया गया है जिससे किसी भी तरह की धांधली और मनमानी पर रोक लग सके। केंद्र सरकार की घोषित आकांक्षी जिला योजना के मद्देनजर भी यूपी की तबादला नीति में प्रावधान किया गया है।
शासनादेश होगा जारी
कैबिनेट से मुहर लगने के बाद अब ट्रांसफर पॉलिसी पर कार्मिक विभाग शासनादेश जारी करेगा। इसके बाद अलग अलग विभाग ऐसे कर्मियों की सूची तैयार करेंगे. 30 जून तक ट्रांसफर के बाद अंतिम सूची जारी कर दी जाएगी। बता दें कि पिछले दो सालों से कोरोना के कारण नई ट्रांसफर पॉलिसी नहीं लाई गई थी। बहुत से कर्मी ऐसे हैं जिनका प्रमोशन हो गया है और ट्रांसफर ड्यू है।