जिला जज की अदालत ने रिवीजन पिटीशन को स्वीकार कर लिया है। बता दें कि सिविल जज की अदालत से 30 सितंबर 2020 को वाद खारिज हुआ था। लोअर कोर्ट से खारिज होने के बाद जिला जज की अदालत में अपील हुई थी।
मथुरा: ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे को लेकर जारी विवाद के बीच अब मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि व शाही ईदगाह के मामले में जिला जज की अदालत ने रिवीजन पिटीशन को स्वीकार कर लिया है। बता दें कि सिविल जज की अदालत से 30 सितंबर 2020 को वाद खारिज हुआ था। लोअर कोर्ट से खारिज होने के बाद जिला जज की अदालत में अपील हुई थी। बता दें कि 2020 से सुनवाई चल रही है।
बता दें कि अयोध्या के राम मंदिर के मामले का केस भी हरिशंकर जैन लड़ा था और फैसला हिंदुओं के पक्ष में आया था। देश में अभी ज्ञानवापी का मामला गर्माया हुआ है लेकिन इस बीच अब श्रीकृष्ण जन्मस्थली के वाद को याचिकाकर्ताओं ने बतौर रिवीजन पिटीशन जिला जज के समक्ष दायर किया है। इसपर 2020 से चली लंबी बहस के बाद आज जिला जज की अदालत इस मामले में फैसला आया है।
यह था पूरा मामला
हरिशंकर जैन ने सिविल जज सीनियर डिवीजन में श्रीकृष्ण विराजमान के नाम से एक वाद दायर किया है। इसमें बताया गया है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि के 13.37 एकड़ जमीन पर शाही ईदगाह का निर्माण कराया है। इस याचिका में इस जमीन का कब्जा वापस दिलाने की मांग की घई है।
शांति बिगाड़ने का किया जा रहा प्रयास
हिंदू पक्ष श्रीकृष्ण विराजमान मामले में जल्द से जल्द फैसला चाहता है। वहीं ईदगाह यानी मुस्लिम पक्ष का कहना है कि इस मामले को तूल देने का काम बाहर के लोग कर रहे हैं। वे न तो जन्मस्थान से जुड़े हुए हैं और न ही शाही ईदगाह से, इस मुद्दे पर न तो जन्मस्थान और न ही शाही ईदगाह को आपत्ति है। लेकिन बाहर से लोग आकर अदालत में प्रार्थन पत्र देकर शहर की शांति बिगाड़ने में लगे हुए हैं।
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