
लखनऊ: पांच साल में नवाबों के शहर की नवाबी इस कदर चढ़ी की 1988 लोग सड़क हादसे में काल के गाल में समा गए। खुद तो दुनिया छोड़ चले लेकिन जिनके सहारे और थे। वह आज भी अपने आसुओं को छुपा नहीं पाते। जिसका आप अंदाजा नहीं लगा सकते कि उन पर क्या बीत रही होगी। यही नहींहादसे में खुद तो चले गए और कइयों के घरों का चिराग भी बुझ गए। अब इसे यातयात पुलिस की लापरवाही मानें, या फिर स्थानीय पुलिस की उदासीनता। या वहां चालकों की पहुंच और रसूख। जिसके आगे पुलिस नतमस्तक रही और स्टंटबाज, बाइकर्स शहर भर में फर्राटा भरते रहे। जिन पर पुलिस अंकुश लगाने की बजाय मरने पर पोस्टमार्टम हाउस पहुंचने तक सीमित रही।
पांच सालों में हुई 5641 सड़क दुर्घटनाएं
आंकड़ें बताते हैं कि लखनऊ में बीते पांच सालों में 5641 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। इनमें 3416 लोग घायल हुए, जबकि 1988 लोग जिंदगी से हार गए। इधर सड़क हादसों को रोकने के लिए परिवहन विभाग, पुलिस विभाग और यातायात पुलिस सुरक्षा सप्ताह मनाती रही। जागरूकता अभियान का फीता काटती रही लेकिन लोग नहीं सुधरे। जिसका नतीजा आपके सामने है।
स्टंटबाजी के वीडियो हुआ वायरल
बाइकर्स गैंग और स्टंटबाजों ने शहर के पास इलाके ही नहीं हैरिटेज जोन को भी नहीं बक्सा। खुद के साथ दूसरों की ज़िंदगी से खेलते रहे। अभी हाल ही में चौक के रूमी गेट के पास वायरल स्टंटबाजी के वीडियो से अंदाजा लगा सकते है। पुलिस जगी और स्टंटबाजों के खिलाफ अभियान चलाया।
'चालाया जा रहा जागरुकता अभियान'
डीसीपी सुभाषचंद्र शाक्य ने बताया कि यातयात पुलिस लगातार अभियान चलाती है। जगह-जगह चौराहों पर लाउडस्पीकर्स से लोगों को जानकारी दी जाती है। ट्राफिक नियमों का पालन कराने के लिए चालान काटा जाता है। स्कूल, कॉलेज में भी जागरूकता अभियान चलाया जाता है।
डीसीपी नॉर्थ डॉ. शिवसिम् चन्नअप्पा ने बताया देर रात उनकी मौजूदगी में रूमी गेट पर बाइकर्स गैंग के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। जिसमे पुलिस ने 20 बाइक सीज की हैं, जबकि 85 स्टंटबाजों का चालान काटा। उन्होंने बताया बाइकर्स गैंग के खिलाफ पुलिस को सख्त निर्देश दिए गए हैं।
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