प्रयागराज में 14 साल के बेटे के शव को कंधे पर लेकर 25 km चले माता-पिता, मिन्नतें करने पर भी ना दिया एंबुलेंस

अस्पताल प्रशासन की मानवता किस कदर खत्म हो चुकी है, इसका अंदाजा इस मार्मिक तस्वीर को देखकर लगाया जा सकता है। यूपी के प्रयागराज में एक पिता बेबश होकर अपने बेटे के शव को कंधे पर लादकर 25 किमी. पैदल चला।

Asianet News Hindi | Published : Aug 3, 2022 12:27 PM IST / Updated: Aug 03 2022, 07:33 PM IST

प्रयागराज: संगमनगरी प्रयागराज में दिल को झकझोर कर रख देने वाला मामला सामने आया है। बेटे ने पिता को कंधे पर उठाया ये तो आप लोगों ने कई बार सुना होगा, लेकिन एक बाप को अपने मृत बेटे को कंधे पर उठाकर अगर 25 किलोमीटर चलना पड़ रहा है तो इसे क्या कहेंगे। ऐसी तस्वीरें आने पर सबसे बड़ा सवाल तो यही खड़ा होता है कि क्या अधिकारियों और मंत्रियों के सारे निरीक्षण सिर्फ दिखावा मात्र हैं? 

पिता थक जाता तो लाल का शव मां अपने कंधे पर उठा लेती थी...
अपने 14 साल के बेटे के शव को कंधों पर ले जा रहे मजबूर पिता की यह तस्वीर यूपी के स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी है। जानकारी के मुताबिक, एसआरएन अस्पताल में मंगलवार को एक लाचार पिता अपने बेटे का इलाज कराने के लिए पहुंचा था। इलाज के दौरान ही बच्चे की मौत हो गई। बेटे की मौत के बाद पैसे के अभाव में लाचार पिता शव को कंधे पर लेकर घर के लिए निकल गया। हैरानी की बात है कि पिता एसआरएन अस्पताल से करछना थाना क्षेत्र के डीहा गांव तक बेटे के शव को कंधे पर ही लेकर गया। इस दौरान उसने 25 किलोमीटर का सफर तय किया। बेटे के शव को ले जाते समय जब पिता थक जाता था, तो मां कंधों पर लेकर चलती थी। 

अस्पताल प्रशासन ने नहीं कराई एंबुलेंस की व्यवस्था
लाख मिन्नतें करने के बाद भी जब अस्पताल प्रशासन की ओर से एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं कराई गई तो उस गरीब के पास बेटे के शव को कंधे पर लादने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था।

कमिश्नर बोले- जांच के बाद दोषियों पर होगी कार्रवाई
वहीं, यूपी में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की हकीकत बयां करती इस वीडियो से सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रयागराज कमिश्नर एक्शन मोड में आ गए। उन्होने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं। कमिश्नर ने कहा कि इस मामले में अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ृी कार्रवाई की जाएगी। वहीं आपको बताते चलें कि 14 साल का मासूम गांव के बिजली के पोल में करंट उतरने से गंभीर रूप से झुलस गया था। इलाज के लिए उसे शहर के स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल भेजा गया था। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
 

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