यूपी में CAA हिंसा को हवा देने में शामिल रहे संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया PFI पर पूरी तरह शिकंजा कसने की मुहीम पुलिस द्वारा तेज कर दी गई है। पुलिस ने पूरे प्रदेश के अलग अलग क्षेत्रों से 25 सदस्यों को गिरफ्तार किया है
लखनऊ(Uttar Pradesh). यूपी में CAA हिंसा को हवा देने में शामिल रहे संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया PFI पर पूरी तरह शिकंजा कसने की मुहीम पुलिस द्वारा तेज कर दी गई है। पुलिस ने पूरे प्रदेश के अलग अलग क्षेत्रों से 25 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। उन्हें आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि PFI प्रतिबंधित संगठन सिमी का लघु रूप है।
CAA के विरोध में हुई हिंसा में प्रतिबंधित संगठन सिमी के लघु रूप PFI का नाम चर्चा में आया था। पुलिस ने PFI के प्रदेश अध्यक्ष समेत तीन को गिरफ्तार क्र CAA हिंसा में PFI की संलिप्तता का खुलासा किया था। पीएफआई 2006 में केरल में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (एनडीएफ) के मुख्य संगठन के रूप में शुरू हुआ था। अब यूपी पुलिस ने इस संगठन के आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता पाते हुए इसके 25 सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
DGP ने किया था बैन करने की सिफारिश
बता दें कि पिछले सप्ताह ही सूबे के डीजीपी ओपी सिंह ने इस संगठन को बैन करने के लिए यूपी सरकार से सिफारिश की थी। जिसके बाद सरकार द्वारा केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र भेजा गया था। इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय खुफिया एजेंसियों और एनआईए से इनपुट ले सकता है। इसके साथ ही गृह मंत्रालय पिछले कुछ महीनों में पीएफआई से जुड़ी गतिविधियों की समीक्षा करेगा।
PFI ने CAA पर आग भड़काने के लिए बांटे थे पर्चे
सूत्रों की माने तो नागरिक संशोधन कानून बनने से से पहले PFI के लोगों ने असम और पश्चिम बंगाल में इस कानून के विरोध में आम लोगों के बीच पर्चे बांटे थे। देश की कई जांच एजेंसियों को शक है कि देशभर में CAA और NRC के नाम पर हुए हिंसक प्रदर्शन में इस संगठन से जुड़े लोग शामिल थे।