जनता के बीच खुद की छवि को जानने के लिए यूपी पुलिस ने शुरू की अनोखी पहल, ट्वि‍टर व फेसबुक के जरिए कराएगी पोल

उत्तर प्रदेश के जिले गोरखपुर जोन के 11 जिलों में प्रयोग के तौर पर यूपी पुलिस जनमत के फैसले यानी राज्य की पुलिस के लिए पोलिंग शुरू करने जा रही है। इसे पहली अप्रैल से शुरू किया जा रहा है। लेकिन पहले चरण के लिए इसका ट्रायल जोन स्तर पर होगा। गोरखपुर के एडीजी ने पुल‍िस की कार्यप्रणाली सुधारने के ल‍िए अनोखी पहल की है। 

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश की पुलिस की परफार्मेंस अभी तक अपराधों के आंकड़े से तय करते आए हैं, लेकिन अब उसके साथ-साथ जनमत से तय होगा कि पुलिस राज्य में कैसा काम कर रही है। फिलहाल गोरखपुर जोन के 11 जिलों में प्रयोग के तौर पर इसे पहली अप्रैल से शुरू किया जा रहा है। लेकिन पहले चरण में इसका ट्रायल जोन स्तर पर होगा। विभिन्न डिजिटल मंच पर लोग पुलिस के विषय में अपनी राय अप्रैल की पहली तारीख से सात तारीख के बीच देंगे। उसके बाद उस जिले की पुलिस की ग्रेडिंग तय की जाएगी। गोरखपुर के एडीजी ने पुल‍िस की कार्यप्रणाली सुधारने के ल‍िए अनोखी पहल की है। 

प्रयोग सफल होने के बाद अन्य स्तर पर किया जाएगा लागू
अपर पुलिस महानिदेशक अखिल कुमार ने इसे लेकर जोन की तीनों रेंज के आइजी, डीआइजी और 11 जिलों के एसपी, एसएसपी के साथ बैठक कर ली है। जिसके लिए एडीजी ने ग्रेडिंग के लिए पांच तरीकों का चयन किया है। जिससे जनता की राय ली जाएगी, उसके बाद जिलों की ग्रेडिंग तय होगी। यूपी पुलिस की कोशिश है कि जोन स्तर पर प्रयोग सफल होने के बाद इसे रेंज, जिला, थाना व बीट स्तर पर लागू किया जाएगा। यह प्रस्ताव एडीजी ने डीजीपी कार्यालय को भी भेज दिया है, ताकि गोरखपुर में सफल होने के बाद इसे पूरे राज्य में भी ट्रायल के तौर पर लागू किया जा सके। जनता की राय के हिसाब से जो भी ग्रेडिंग थानेदारों को मिलेगी, उसी के हिसाब से सर्टिफिकेट दिया जाएगा। तो चलिए जानते है किन तरीकों से जनता की राय ली जाएगी। 

Latest Videos

फेसबुक व ट्विटर पोल
जिलों के एडीजी पुलिस के बारे में ट्विटर व फेसबुक पर लोगों की राय जानेंगे। इस पर पुलिस के हैंडल पर पोल का आप्शन दिया जाएगा। उन आप्शन्स में गुड, एवरेज, एक्सीलेंट व कोई राय नहीं के विकल्प दिया जाएगा। इन आप्शन्स को लोग चुनकर अपनी राय दे सकते हैं। सात दिनों के अंत में जो औसत आएगा, वही उस जिले का नंबर होगा। उसी नंबर के हिसाब से तय होगा कि उस जिले की पुलिस के काम को लोग पसंद कर रहे है या नही। 

आइजीआरएस पोर्टल के माध्यम से 
एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली पर जो भी शिकायतें दर्ज होती हैं, उसके निस्तारण के साथ पीड़ित की राय भी दर्ज होती है। इस पोर्टल पर जो भी शिकायत दर्ज होती है उसका डेटा हर महीने जोन कार्यालय में आता है। एडीजी उस डेटा को हर महीने निकलवाकर यह देखेंगे कि प्रतिमाह कितने लोग पुलिस के कार्य से संतुष्ट है। 

पोल के लिए डिजिटली प्लेटफार्म के अन्य माध्यम 
इस पोल को डिजिटल प्लेटफार्म के अन्य माध्यमों जैसे वाट्सएप ग्रुपों व बीट पुलिसकर्मियों के वाट्सएप ग्रुप पर ल‍िंक भेजकर भी कराया जाएगा। इतनी ही नहीं इस पोल को कराने के लिए अखबारों व इंटरनेट मीडिया न्यूज एप में क्यूआर कोड का भी इस्तेमाल किया जाएगा। इसके जरिये भी जनता पोल कर सकती है।

FIR व एनसीआर के वादियों के पास फोन कर जिले के सभी थानों में दर्ज एफआइआर व एनसीआर के वादियों को फोन कर फीडबैक लिया जाएगा कि वह थाने पर गए तो केस दर्ज होने के बाद हुई कार्रवाई से वे संतुष्ट हैं या नहीं। उसके बाद फिर पूरा फीडबैक लेने के बाद ही कोई एक्शन लिया जाएगा। 

रिस्पांस टाइम डायल-112 के जरिए
इन सभी उपायों के अलावा सभी जिलों में चलने वाली डायल-112 की पीआरवी के रिस्पांस टाइम व पीड़ित के संतुष्ट व असंतुष्ट होने के फीडबैक के आधार पर ग्रेडिंग तय होगी। 

सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिखाई मानवीयता, राजधानी में अपने काफिले को रुकवाकर एंबुलेंस को दिया रास्ता

रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया चौकी प्रभारी, एंटी करप्शन टीम ने किया गिरफ्तार

Share this article
click me!

Latest Videos

LIVE: Akhilesh Yadav ने दे दिया अल्टीमेटम "किसी को बक्शा नहीं जाएगा..."
मीरापुर उपचुनाव: ककरौली में वोटिंग के बीच क्यों हुआ हंगामा, पुलिस पर गंभीर आरोप
Maharashtra Election: मुंबई और पुणे की वो 15 स्विंग सीटें जहां से तय होगा सत्ता का समीकरण
'कुंभकरण बड़ा टेक्नोक्रेट था' वायरल हुआ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का भाषण #Shorts
Maharashtra Election 2024: रणबीर कपूर, हेमा मालिनी, सोहेल खान समेत कई सितारों ने डाला वोट- Photos