इस इंस्पेक्टर ने किया ऐसा काम, सुनकर आप भी कहेंगे पुलिस हो तो ऐसी

फर्रुखाबाद जिले के मऊ थाना क्षेत्र के टाउन हॉल में रहने वाले सोनू बाथम (30) के माता पिता का 15 साल पहले निधन हो चुका था। सोनू को छोटा बड़ा भाई मोनू परिवार के साथ दिल्ली में रहता है और मजदूरी करके परिवार का पालन पोषण करता है।

Asianet News Hindi | Published : Sep 22, 2019 6:28 AM IST

फर्रुखाबाद (Uttar Pradesh). यूपी पुलिस का विवादों से गहरा नाता रहा है। लेकिन यूपी के फर्रुखाबाद जिले के एक इंस्पेक्टर ने ऐसा काम किया कि लोग उसकी तारीफ कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर इनके फॉलोवर्स इस काम के लिए इन्हें सैल्यूट कर रहे हैं। साथ ही कह रहे कि पुलिस हो तो ऐसी।

क्या है पूरा मामला
फर्रुखाबाद जिले के मऊ थाना क्षेत्र के टाउन हॉल में रहने वाले सोनू बाथम (30) के माता पिता का 15 साल पहले निधन हो चुका था। सोनू को छोटा बड़ा भाई मोनू परिवार के साथ दिल्ली में रहता है और मजदूरी करके परिवार का पालन पोषण करता है। सोनू लंबे समय से बीमार चल रहा था पड़ोसी ने उसे जिले के सरकारी राम मनोहर लोहिया अस्पताल में 15 सितंबर को भर्ती कराया। शनिवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। उसके साथ कोई परिजन या रिश्तेदार नहीं होने पर डॉक्टर ने इसकी सूचना मऊ थाने में दी। जिसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया।

मृतक के भाई ने इंस्पेक्टर से कही ये बात
इंस्पेक्टर डॉ विनय प्रकाश राय ने बताया, मृतक के परिजनों और रिश्तेदारों से संपर्क किया गया। मृतक के पड़ोसी से उसके भाई का नंबर लिया और उसे बताया कि तुम्हारे भाई का निधन हो गया है। उसका अंतिम संस्कार करने के लिए शव ले जाओ। रिश्तेदारों ने शव लेने से इनकार कर दिया है। इसपर मृतक का भाई फूट फूटकर रोने लगा। उसने कहा, मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं कि वो भाई का अंतिम संस्कार कर सकूं। इसलिए दिल्ली से नहीं आउंगा। आप जैसा चाहो करो। 

पोस्टमॉर्टम के बाद कोई शव लेने को नहीं था तैयार
इंस्पेक्टर ने कहा, उसकी बातें सुनकर मैंने कहा कि तुम आ जाओ हम मदद कर देंगे। इसपर उसने कहा कि अगर मैं आया तो मजदूरी छूट जाएगी, बीवी बच्चों को क्या खिलाउंगा। बड़ी मुश्किल से काम मिला है। उसकी बातें सुनकर मैं काफी दुखी हो गया। पोस्टमॉर्टम होने के बाद सिपाहियों ने बताया कि कोई शव लेने को तैयार नहीं है। इसके बाद मैं खुद फोर्स लेकर वहां पहुंचा और शव को शमशान घाट ले गया। जहां उसका पूरे विधि विधान से अंतिम संस्कार किया।

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