मौत के बाद भी 4 लोगों को जिंदगी बचा गई 41 साल की रफत, जाते-जाते कई चेहरों पर दे गई मुस्कान

गाजियाबाद इंदिरापुरम की रहने वाली सैयद रफत परवीन (41) गुरुवार को जिंदगी की जंग हार गई। 19 दिसंबर को तेज सिर दर्द की शिकायत के बाद परिवार ने विशाली के  मैक्स अस्पताल में भर्ती करवाया था।

Asianet News Hindi | Published : Dec 26, 2020 2:16 PM IST / Updated: Dec 26 2020, 07:55 PM IST

गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश). मरने के बाद इंसान का ये हाड़-मांस का शरीर जलकर खाक हो जाता है। सिर्फ राख रह जाती है। लेकिन जाते-जाते हम अगर किसी को जिंदगी दे जाएं तो इससे बड़ा और कोई पुण्य नहीं। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां एक 41 साल महिला अपनी मौत के बाद भी चार लोगों की जिंदगी बचा गई।

अंतिम इच्छा से बचाई चार लोगों की जिंदगी
दरअसल, गाजियाबाद इंदिरापुरम की रहने वाली सैयद रफत परवीन (41) गुरुवार को जिंदगी की जंग हार गई। 19 दिसंबर को तेज सिर दर्द की शिकायत के बाद परिवार ने विशाली के  मैक्स अस्पताल में भर्ती करवाया था। डॉक्टरों की तमाम कोशिश के बाद भी रफत की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। शुक्रवार को डॉक्टरों ने ब्रेन डेड घोषित कर दिया। मरने से पहले रफत ने  अपने शरीर के अंगों को दान करने की इच्छा जताई थी। ताकि किसी जरुरतमंद की इंसान की जान बच सके। 

Latest Videos

इस बीमारी से पीड़ित थी रफत
रफत की डॉक्टरों ने जांच की तो पता चला कि वह ऐन्युरिज्म़ से पीड़ित थी। जिसमें सिर की नसों से खून बहने लगा था। धीरे-धीरे वह दिमाग के दूसरे हिस्सों तक पहुंच रहा था। उसकी लगातार निगरानी की गई, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। 

शरीर से अलग किए ये अंग
मैक्स साकेत के डायरेक्टर ऑफ हार्ट ट्रांसप्लांट डॉ. केवल कृषन ने बताया की रफत के परिवार की रजामंदी के बाद सफल सर्जरी करते हुए शरीर से दिल, किडनी और लिवर को अलग कर लिया गया। इसके बाद चार लोगों को दान कर ट्रांसप्लांट किया गया। जिससे चार लोगों की जान बच गई।

Share this article
click me!

Latest Videos

PM Modi ने बाइडेन को गिफ्ट की चांदी की ट्रेन, फर्स्ट लेडी को दी पश्मीना शॉल, जानें क्या है खास
सिर्फ एक क्लिक आपको पहुंचा सकता है जेल, आपके फोन में भी तो नहीं हैं ऐसे वीडियो । Child Pornography
Shocking Video: उत्तराखंड में दरका पहाड़ और बंद हो गया हाईवे #Shorts
CM बनते ही दूसरी कुर्सी पर बैठी Atishi , आखिर क्यों बगल में खाली छोड़ दी 'गद्दी' । Arvind Kejriwal
Pitru Paksha 2024: बिना पैसा खर्च किए कैसे करें पितरों को खुश ?