इस मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लेते हुए निर्देश दिया कि मौके पर मौजूद एसडीएम, सीओ और पुलिस के जवानों को तत्काल निलंबित किया जाए और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
बलिया. उत्तर प्रदेश में जिस तरह से अपराध की घटनाएं सामने आ रही हैं उसे देख लगता है कि यहां ना तो बदमाशों में पुलिस का खौफ है और ना ही कानून का कोई डर। गुरुवार को बलिया जिले से एक हैरान कर देने वाली वारदात सामने आई। जहां पुलिस अधिकारियों और एसडीएम के सामने एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई। मची अफरातफरी और मारपीट में कई लोग घायल भी हो गए। गुंडे आतंक फैलाते रहे और जिला प्रशासन सब देखता रहा।
मामला सुलझाने पहुंची थी पुलिस, लेकिन हो गया कत्ल
दरअसल, यह दिल दहला देने वाला मामला जिले के दुर्जनपुर गांव का है। जहां लंबे समय से चले आ रहे कोटा आवंटन की दुकानों को लेकर पंचायत भवन में खुली बैठक का आयोजन किया गया था। इस विवाद को सुलझाने के लिए सीओ चंद्रकेश सिंह, बीडीओ बैरिया गजेंद्र प्रताप सिंह और एसडीएम सुरेश पाल पहुंचे थे। बता दें कि यह विवाद धीरेंद्र सिंह और जयप्रकाश उर्फ गामा पाल के बीच लंबे समय से चल रहा था।
SDM के सामने युवक की कर दी हत्या
बता दें कि दोनों पक्ष को पुलिस अधिकारी समझा रहे थे, इसी दौरान कुछ अधिकारियों ने दुर्जनपुर की दुकान के लिए दो समूहों के बीच मतदान कराने का निर्णय लिया। इसमें कहा गया कि वोट वही कर सकेगा जिसके पास आधार अथवा अन्य कोई पहचान पत्र होगा। इसमें एक पक्ष के पास अधार व पहचान पत्र मौजूद था, लेकिन दूसरे पक्ष के पास कोई आईडी प्रुफ नहीं था। इसी को लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद शुरू हो गया और देखते ही देखते मारपीट होने लगी। दोनों पक्ष लाठी-डंडे लेकर एक दूसरे पर हमला करने के लिए टूट पड़े। यह सभ हंगामा होता रहा और मौके पर मौजूद जिला प्रशासन सब देखता रहा। इसी बीच दबंग धीरेंद्र ने जयप्रकाश के सीने में 4 गोलियां मार दीं और फरार हो गया।
सीएम योगी ने पुलिस अधिकारियों को किया निलंबित
आरोपी धीरेंद्र बैरिया के भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह का करीबी बताया जाता है। जैसी इस घटना का वीडियो वायरल हुआ तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस घटना की निंदा करते हुए योगी सरकार पर निशाना साधा। इस मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लेते हुए निर्देश दिया कि मौके पर मौजूद एसडीएम, सीओ और पुलिस के जवानों को तत्काल निलंबित किया जाए और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।