
लखनऊ: सपा के वरिष्ठ नेता और विधान परिषद में नेता विरोधी दल अहमद हसन (88) का लंबी बीमारी के बाद शनिवार सुबह निधन हो गया। देर शाम उनकी पत्नी नजमा बेगम (80) का भी निधन हो गया। दोनों का लखनऊ के लोहिया संस्थान में इलाज चल रहा था। नजमा क्रिटिकल केयर यूनिट में वेंटीलेटर पर थीं। अहमद हसन को रविवार को अंबेडकरनगर के जलालाबाद स्थित पैतृक कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।
उनके निधन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव समेत तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। सियासत में कदम रखने से पहले अहमद ने पुलिस अफसर के रूप में काम किया। वे गोरखपुर व बरेली के एसएसपी भी रहे। वर्ष 1996 में सपा ने उनको विधान परिषद भेजा।
अहमद हसन ने वर्ष 1958 में प्रांतीय पुलिस सेवा के अधिकारी के रूप में नौकरी शुरू की थी। उन्होंने गोरखपुर व बरेली में सर्वाधिक समय तक एसएसपी रहने का रिकॉर्ड भी बनाया। वह इटावा जिले के एसएसपी रहने के दौरान समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के बेहद नजदीक आ गए। वर्ष 1994 में सेवानिवृत्त होने के बाद मुलायम सिंह ने उनको अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष बनाया। वर्ष 1996 में सपा ने उनको विधान परिषद भेजा। 1996 में कल्याण सिंह की सरकार बनने के बाद मुलायम सिंह ने अहमद हसन को विधान परिषद में नेता विरोधी दल बना दिया। इसके बाद वह लगातार विधान परिषद के सदस्य रहे।
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