ठा. बांकेबिहारी मंदिर में शनिवार की सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ का दबाव है। शनिवार को मंदिर में दर्शन को आ रहे श्रद्धालुओं में शामिल महाराष्ट्र के मुंबई स्थित सतनाम सोसाइटी निवासी 60 वर्षीय मधु अग्रवाल अचानक बेहोश होकर गिर गईं। साथी श्रद्धालुओं ने जैसे तैसे उन्हें उठाने की कोशिश की। मंदिर में मौजूद सुरक्षागार्डों ने महिला को भीड़ से बाहर निकाला और पुलिस के सहयोग से जिला संयुक्त चिकित्सालय पहुंचाया।
मथुरा: ब्रज में होली को लेकर जमकर हुजूम उमड़ रहा है। कोरोना वायरस से संबंधित प्रतिबंध हटा लिए जाने के बाद इस बार भीड़ अच्छी खासी है। 24 घंटे में मथुरा-वृंदावन में भीड़ के दबाव के चलते दो श्रद्धालुओं की हार्ट अटैक से मृत्यु हो चुकी है। ठा. बांकेबिहारी मंदिर में रंगभरनी एकादशी से पहले ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। शनिवार को भीड़ के दबाव में महाराष्ट्र से आई महिला श्रद्धालु अचानक बेहोश हो गई। उन्हें हार्ट अटैक आया। उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
ठा. बांकेबिहारी मंदिर में शनिवार की सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ का दबाव है। शनिवार को मंदिर में दर्शन को आ रहे श्रद्धालुओं में शामिल महाराष्ट्र के मुंबई स्थित सतनाम सोसाइटी निवासी 60 वर्षीय मधु अग्रवाल अचानक बेहोश होकर गिर गईं। साथी श्रद्धालुओं ने जैसे तैसे उन्हें उठाने की कोशिश की। मंदिर में मौजूद सुरक्षागार्डों ने महिला को भीड़ से बाहर निकाला और पुलिस के सहयोग से जिला संयुक्त चिकित्सालय पहुंचाया। यहां चिकित्सकों ने महिला को हार्टअटैक के चलते मृत घोषित कर दिया। लेकिन साथी श्रद्धालुओं ने चिकित्सकों की बात को नकारते हुए दूसरे अस्पताल में जांच करवाने की बात कही और महिला को निजी चिकित्सालय ले गए। मृतक महिला के साथ आई साथी महिला श्रद्धालु अलका अग्रवाल ने बताया मधु अग्रवाल पहले से कई बीमारियों से जूझ रही थीं।
बरसाना में लठामार होली में बुजुर्ग की हार्ट अटैक से मौत
इससे पहले शुक्रवार शाम को बरसाना में लठामार होली पर आए पठानकोट के एक श्रद्धालु की हार्ट अटैक से मौत हो गई। स्वजन शव को अपने साथ ले गए। पंजाब के पठानकोट निवासी चरण दास (65) राधारानी के दर्शन करने के लिए आए थे। लठामार होली खत्म होने के बाद राधारानी के दर्शन करने मंदिर गए। भीड़ के बीच दम घुटने लगा। स्वजन ने मंदिर के बाहर ही उनको बैठा दिया और वह दर्शन करने चले गए। लौट कर स्वजन आए तब तक चरणदास की मौत हो गई थी।