उत्तर प्रदेश के जिले प्रतापगढ़ एसडीएम ने तहसीलदार को पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया। उनकी मौत की जानकारी मिलते ही कर्मचारी और वकीलों ने जमकर हंगामा किया। जिसके बाद जिले के डीएम ने एसडीएम को पद से निलंबित किया तो वहीं दूसरी ओर इस पद पर दूसरे एसडीएम की नियुक्त कर दिया गया है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जिले प्रतापगढ़ की लालगंज तहसील के नायब नाजिर सुनील कुमार शर्मा (55) की शनिवार देर रात जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।उसे 30 मार्च की रात तहसील परिसर पर प्रतापगढ़ एसडीएम ने बूरी तरह पीटा था। जिसके बाद सुनील ने एसडीएम पर पिटाई का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज किया था। सुनील की मृत्यु की जानकारी होने पर संगठन भड़क गए। अस्पताल पहुंचने के बाद कर्मचारियों और वकीलों ने इस घटना को लेकर हंगामा करना शुरू कर दिया है।
शव को पोस्टमार्टम भेजने के बाद शांत हुआ हंगामा
नायब नाजिर सुनील की मौत के बाद पुलिस को शव कब्जे में लेने से लोगों ने रोका। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने के बाद हंगामा शांत हुआ। देर रात तक कर्मचारी आरोपी एसडीएम के खिलाफ केस दर्ज करने और उनकी गिरफ्तारी की मांग पर अड़े थे। उधर, डीएम ने मामले में मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं। सुनील की मौत के बाद शनिवार देर रात लालगंज कोतवाली में आरोपित एसडीएम ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह और तीन अज्ञात के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया। उधर डीएम ने एसडीएम को हटाकर चार्ज दूसरे को दे दिया है।
घर में घुसकर एसडीएम ने डंडो से मारा
प्रतापगढ़ की लालगंज तहसील में नायब नाजिर यानी तहसीलदार के पद पर तैनात शहर के विवेक नगर के रहने वाले सुनील कुमार शर्मा ने 31 मार्च को पुलिस को तहरीर देकर आरोप लगाया था कि 30 मार्च की रात एसडीएम लालगंज ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह होमगार्ड के साथ आकर घर में घुसकर डंडे से मारने लगे। मृतक सुनील शर्मा के बेटे सुधीर शर्मा का आरोप है कि 30 मार्च को उनके पिता सरकारी आवास में थे। रात को करीब 9 बजे अचानक अचानक उपजिलाधिकारी लालगंज ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह अपने तीन साथियों के साथ घर में घुस आए और जमकर उनकी पिटाई कर दी। सुनील के बेटे ने बताया कि उनके पिता सिर्फ 6 हजार ईंटों की मांग कर रहे थे। ताकि तहसील कैम्पस की बाउंड्री बनवाने का कार्य हो सके। उन्होंने कहा कि ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह और उसके साथियों की पिटाई के कारण नायब नाजिर सुनील शर्मा की हालत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
सुनील को उपचार के लिए सीएचसी भी ले जाया गया। शुक्रवार को तबीयत बिगड़ने पर तहसीलदार को लालगंज स्थित ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया, लेकिन यहां हालत में सुधार नहीं हुआ। शनिवार को स्थिति गंभीर देख उनको मेडिकल कॉलेज भेज दिया जहां इलाज के दौरान उन्होंने रात में दम तोड़ दिया। इसकी जानकारी के बाद बड़ी संख्या में कर्मचारी भी अस्पताल पहुंच गए। उन्होंने पुलिस को शव कब्जे में लेने से रोक दिया। देर रात तक कर्मचारी आरोपी एसडीएम की गिरफ्तारी करने की मांग पर अड़े थे।
एसडीएम को प्रतापगढ़ में मिली थी पहली तैनाती
प्रयागराज के रहने वाले एसडीएम ज्ञानेंद्र विक्रम की पहली तैनाती प्रतापगढ़ में ही हुई थी। वह शहर में ट्रेनर के रूप में आए थे। इसका समय पूरा होने के बाद उन्हें पहली तैनाती रानीगंज तहसील में दी गई थी। हालांकि वहां कुछ ही दिनों तक वह अपनी पारी खेल सके। वहां से हटाकर उन्हें लालगंज एसडीएम बनाया गया था। अब यहां भी ऐसी घटना हुई है कि परिजनों के हंगामे के बाद जिलाधिकारी नितिन बंसल ने आरोपी एसडीएम ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह को लालगंज तहसील से हटा दिया है। डीएम ने घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश भी दे दिए हैं। पहले इस मामले की जांच सीआरओ कर रहे थे, लेकिन वह घायल नायब नाजिर का बयान नहीं दर्ज कर सके।
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