Inside Story: सरोजनीनगर सीट पर प्रोफेसर और IPS के बीच लड़ाई हुई दिलचस्प, जानें डिटेल में

Published : Feb 16, 2022, 01:25 PM ISTUpdated : Feb 16, 2022, 01:32 PM IST
Inside Story: सरोजनीनगर सीट पर प्रोफेसर और IPS के बीच लड़ाई हुई दिलचस्प, जानें डिटेल में

सार

लखनऊ की सबसे हॉट सीट बन चुकी सरोजनीनगर पर पूरे प्रदेश की निगाहें टिक गई हैं। कारण है कि यहां टिकट को लेकर शुरुआत से ही मारामारी चल रही थी। पति दयाशंकर और पत्नी स्वाति सिंह के बीच में भी टिकट को लेकर विवाद सामने आया। आखिर में बीजेपी ने नए चेहरे राजेश्वर सिंह को यहां से टिकट दे दिया। इस सीट पर लड़ाई तब और दिलचस्प हो गयी जब सपा ने सरोजनीनगर सीट से पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा को मैदान में उतार दिया। 

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुके है। कुल 7 चरणों मे चुनाव होने हैं। जिनमे से 10 फरवरी को पहला चरण और 14 फरवरी को दूसरे चरण का चुनाव हो चुका है। इस बार लखनऊ का चुनाव बहुत दिलचस्प माना जा रहा है। लखनऊ शुरुआत से ही बीजेपी का गढ़ रहा है। लेकिन इस बार के समीकरण बदले नजर रहे हैं। 2017 की तरह इस बार के चुनाव में मोदी मैजिक देखने को नहीं मिल रहा है। लखनऊ की सबसे हॉट सीट बन चुकी सरोजनीनगर पर पूरे प्रदेश की निगाहें टिक गई हैं। कारण है कि यहां टिकट को लेकर शुरुआत से ही मारामारी चल रही थी। पति दयाशंकर और पत्नी स्वाति सिंह के बीच में भी टिकट को लेकर विवाद सामने आया। आखिर में बीजेपी ने नए चेहरे राजेश्वर सिंह को यहां से टिकट दे दिया। इस सीट पर लड़ाई तब और दिलचस्प हो गयी जब सपा ने सरोजनीनगर सीट से पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा को मैदान में उतार दिया। 

राजेश्वर का चुनाव जीतना आसान नहीं
सरोजनीनगर सीट पर बीजेपी ने 2017 के चुनाव में मोदी मैजिक की वजह से जीत हासिल की थी। 2012 में सपा वहीं 2002 और 2007 में इस सीट पर बसपा का कब्जा था। बीजेपी इस बात को अच्छे से जान रही है कि राजेश्वर सिंह का इस सीट से चुनाव जीतना आसान नहीं है इसलिए बीजेपी के तमाम दिग्गज नेता राजेश्वर सिंह को जिताने के लिए पूरा जोर लगा रहे है। 

जीत के लिए समीकरण बना रही BJP
सरोजनीनगर सीट पर समाजवादी पार्टी की मुश्किल बढ़ाते हुए शिव शंकर सिंह शंकरी ने भाजपा का दामन थाम लिया है। इससे पहले सपा की 2012 की सरकार में मंत्री रहे शारदा प्रताप शुक्ल ने भी भाजपा की सदस्यता लेकर सपा को एक बड़ा झटका दिया था। अब 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव में सरोजनीनगर से एक दूसरे के खिलाफ लड़ने वाले शारदा प्रताप शुक्ल और शिवशंकर सिंह शंकरी में भाजपा के साथ आ गए हैं।

सपा और बसपा का रह चुका है सीट पर कब्जा
बता दें कि सरोजनीनगर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की स्वाति सिंह विधायक है। स्वाति सिंह ने 2017 विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अनुराग यादव को हराया था। 2012 में इस सीट पर सपा के शारदा प्रताप शुक्ल विधायक चुने गए थे। 2002 और 2007 में बसपा के इरशाद खान विजयी हुए थे। इस तरह भारतीय जनता पार्टी ने इस सरोजनीनगर सीट पर पहली बार मोदी लहर और बीजेपी नेता दयाशंकर के विवाद के बाद पत्नी स्वाति सिंह के पक्ष में बने माहौल की वजह से 2017 में जीत दर्ज की थी। लेकिन भाजपा ने स्वाति सिंह का टिकट काट कर इस बार ईडी के पूर्व अधिकारी रहे राजेश्वर सिंह को उम्मीदवार बनाया दिया है, जबकि स्वाति सिंह के 2017 में यहां से चुनाव जीतने के बाद उन्हें प्रमोट कर योगी मंत्रिमंडल में भी शामिल किया गया था।

स्वाति सिंह से सरोजनीनगर की जनता नाराज
इस बार टिकट कटने की कई वजह बताई जा रही हैं, जिसमें एक वजह पति-पत्नी के एक ही सीट से टिकट की दावेदारी मानी जा रही है। इस सीट पर टिकट घोषित होने से पहले बीजेपी उपाध्यक्ष व मंत्री स्वाति सिंह के पति दयाशंकर सिंह प्रबल दावेदार माने जा रहे थे, लेकिन पति-पत्नी के बीच मचे घमासान के चलते बीजेपी ने राजेश्वर सिंह को उम्मीदवार बना दिया। वहीं स्वाति सिंह का टिकट कटने से उनके समर्थक भी नाराज है। हालांकि स्वाति सिंह ने पूरा सहयोग करने की बात कही है। लेकिन कहीं न कहीं समर्थकों की नाराजगी का खामियाजा राजेश्वर सिंह को भुगतना पड़ सकता है। योगी सरकार में मंत्री रही स्वाति सिंह के कामकाज को लेकर विधानसभा क्षेत्र के लोगों में नाराजगी है। मंत्री कार्यकाल के दौरान उनके द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में दौरा न करने की वजह से ग्रामीण लोग नाराज है। सरोजनीनगर विधानसभा सीट में शहरी क्षेत्र के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्र भी बड़ी संख्या में आता है।

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