UP Chunav 2022: लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट पर लड़ाई दिलचस्प, सपा के लिए बड़ी चुनौती

Published : Feb 22, 2022, 09:54 AM IST
UP Chunav 2022: लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट पर लड़ाई दिलचस्प, सपा के लिए बड़ी चुनौती

सार

इस बार यहां से कानून मंत्री ब्रजेश पाठक चुनाव लड़ रहे हैं और सपा, कांग्रेस, बसपा जैसे प्रमुख दलों के सामने उन्हें पछाड़ने की चुनौती है। सीट पर जीत-हार का परिणाम करीब डेढ़ लाख ब्राह्मण और लगभग 50 हजार सिंधी-पंजाबी मतदाता तय करते हैं।

लखनऊ: भाजपा के लिए सुरक्षित मानी जा रही राजधानी की कैंट सीट में इस बार सभी दलों ने जोर लगाया है। 1991 से अब तक यहां सिर्फ 2012 में कांग्रेस से रीता बहुगुणा जोशी ने भाजपा को हराया था। लगातार यहां भगवा परचम ही लहराया। वर्ष 2017 के चुनाव में भी रीता बहुगुणा जीती थीं, लेकिन भाजपा उम्मीदवार के रूप में। बाद में सांसद बनने पर उन्होंने जब सीट छोड़ी तो उप चुनाव में उनसे पहले तीन बार भाजपा से विधायक चुने गए सुरेश तिवारी ने जीत दर्ज की थी।

इस बार यहां से कानून मंत्री ब्रजेश पाठक चुनाव लड़ रहे हैं और सपा, कांग्रेस, बसपा जैसे प्रमुख दलों के सामने उन्हें पछाड़ने की चुनौती है। सीट पर जीत-हार का परिणाम करीब डेढ़ लाख ब्राह्मण और लगभग 50 हजार सिंधी-पंजाबी मतदाता तय करते हैं।

प्रत्याशी घोषणा से पहले इस सीट को लेकर काफी राजनीतिक उथल-पुथल रही। भाजपा में रीता बहुगुणा अपने बेटे के लिए टिकट मांग रही थीं। कई अन्य दावेदार भी थे। सपा ने भी देर तक पत्ते नहीं खोले। काफी सस्पेंस के बाद मध्य क्षेत्र से विधायक व कानून मंत्री ब्रजेश पाठक को यहां से भाजपा ने प्रत्याशी बनाया। वहीं, सपा ने कई बार के पार्षद राजू गांधी पर दांव लगाया। नामांकन के अंतिम दिन तक रीता बहुगुणा के बेटे मयंक के सपा में जाने की चर्चा रही, लेकिन बाद में अटकलें निर्मूल साबित हुईं। यही नहीं ब्रजेश पाठक के समर्थन में रीता बहुगुणा व अन्य टिकट न पाने वाले नेता क्षेत्र में वोट मांगने भी उतर चुके हैं। वहीं कांग्रेस ने यहां से 2019 का उपचुनाव लड़ चुके दिलप्रीत को फिर से उम्मीदवार बनाया है। बसपा ने अनिल पांडेय और आम आदमी पार्टी ने अजय कुमार को मैदान में उतारा है। ब्राह्मण बहुल इस सीट में 1977 से अब तक सिर्फ दो चुनावों में यानी 1991 व 1993 में सतीश भाटिया ने जीत दर्ज करायी थी। बाकी सभी चुनावों में ब्राह्मण जन प्रतिनधि ही इस क्षेत्र ने दिया है। श्रृंगारनगर निवासी क्षेत्र के सुंदरम वाजपेयी कहते हैं कि चुनाव में मुद्दा तो विकास व सुरक्षा आदि का है। इसी पर वोट देंगे। कालिदास मार्ग के पास रहने वालीं राधिका पिपलानी ने कहा कि महिला होने के नाते हमारा सबसे बड़ा मुद्दा सुरक्षा है और इसी पर हम वोट देंगे।

ये हैं यहां के प्रंमुख मुद्दे
छावनी क्षेत्र के आवासीय इलाकों को पर्याप्त सुविधाएं चाहिए। लोगों के पीने के लिए पेयजल का अभाव। सीवर की समस्या आजादी के बाद से है। बारिश में जलभराव भी एक अहम मुद्दा है।

3,65,241 कुल मतदाता
ब्राह्मण 1.50 लाख
मुस्लिम 40 हजार
सिंधी/पंजाबी  50 हजार
वैश्य 25 हजार
अनुसूचित जातियां 25 हजार
क्षत्रिय/श्रीवास्तव 20 हजार
अन्य पिछड़ा वर्ग 40 हजार

2017 का परिणाम
रीता बहुगुणा जोशी, भाजपा  95402
अपर्णा यादव, सपा-कांग्रेस गठबंधन 61606
योगेश दीक्षित, बसपा 26036
उप चुनाव 2019
सुरेश चंद्र तिवारी, भाजपा  56684
मेजर आशीष चतुर्वेदी, सपा 21256
दिलप्रीत सिंह, कांग्रेस 19445
अरुण द्विवेदी, बसपा 10709

UP Chunav 2022: पांचवें चरण में सबसे ज्यादा सपा के दागी प्रत्याशी, BJP में करोड़पति उम्मीदवारों का बोलबाला

PREV

उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

कफ सिरप केस में व्यापारियों की कोर्ट शरण, बोले- साजिश के तहत फंसाया जा रहा
UP: डेड, डुप्लीकेट और मिसिंग वोटर पर सर्जिकल स्ट्राइक! 3 करोड़ नाम हट सकते हैं