
अल्मोड़ा: उत्तराखंड के अल्मोड़ा शहर में बाहरी राज्य या नेपाल से आने वाले मजूदरों के लिए नया फरमान जारी हुआ है। शहर में काम करने वाले मजदूरों को अब नगरपालिका में पंजीकरण कराना होगा। अगर कोई ऐसा नहीं करता है तो शहर में काम नहीं कर सकता। इसके लिए नगरपालिका ने आदेश जारी किया है। इतना ही नहीं फैसला यह भी लिया गया है कि शहर में आने वाले लोगों को सूची पुलिस के पास होगी जिससे अपराध को नियंत्रण करने में मदद मिलेगी।
मजदूर और मिस्त्री के लिए शुल्क हुआ जारी
राज्य के जिले अल्मोड़ा नगरपालिका के अध्यक्ष प्रकाश जोशी का कहना है कि अल्मोड़ा नगर में काम करने के लिए बिहार और नेपाल सहित कई जगहों से यहां लोग आते हैं। अब इन सभी मजदूरों को नगरपालिका में पंजीकरण कराना होगा। इसके लिए मजदूर वर्ग के लोगों से 500 रुपए और मिस्त्री वर्ग के लोगों से 1000 रुपए का शुल्क लिया जाएगा। आगे कहते है कि ऐसा करने से नगरपालिका की आय भी बढ़ेगी और अपराध पर भी अंकुश लगेगा।
मकान मालिकों से जुर्माना गया वसूला
वहीं दूसरी ओर एसएसपी प्रदीप कुमार राय का कहना है कि जिले में सैकड़ों की संख्या में मजदूर काम करने के लिए आते हैं। जिनका सत्यापन किया जा रहा है। उन्होंने आगे बताया कि सत्यापन नहीं करने वाले सभी मकान स्वामियों पर भी कार्रवाई की गई है। अभी तक सैकड़ों मकान मालिकों से जुर्माना वसूला गया है। प्रदीप ने बताया कि सभी को चेतावनी दी गई है कि अभी भी जो मजदूर जिले में आ रहे है, वह अपना सत्यापन करा लें अन्यथा कार्रवाई की जाएगी।
एक बार कराना होगा पंजीकरण
अल्मोड़ा में हर साल नेपाल बिहार सहित अन्य जगहों से हजारों की संख्या में रोजगार के लिए मजदूर अल्मोड़ा पहुंचते हैं। घोड़े की पीठ जैसे बसे अल्मोड़ा नगर में अधिकांश स्थानों पर पैदल ही चलना पड़ता है। मजदूरों की आवश्यकता सामान को ढोने के लिए होती है। मजदूरों के पंजीकरण कराने से नगरपालिका की आय में भी वृद्धि हो रही है। इन सभी मजदूरों को एक साल में ही सिर्फ एक बार ही पंजीकृत करना है उसके बाद इसी का नवीनीकरण किया जाएगा।
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