ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी विवाद में फैसला आज, जिला जज की अदालत पर टिकीं सबकी निगाहें, काशी में लागू धारा 144

ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी वाद सुनवाई योग्य है या नहीं, इस पर सोमवार को वाराणसी जिला जज की अदालत में फैसला होगा। तीन महीने से ज्यादा समय तक चली सुनवाई में दोनों पक्षों ने अपनी दलीलें दी हैं। इस वजह से पूरे देश की निगाहें जिला जज के फैसले पर टिकी हुई है। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 12, 2022 3:56 AM IST

वाराणसी: उत्तर प्रदेश की विश्ननाथ नगरी काशी में ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी विवाद में सोमवार 12 सितंबर को एक अहम फैसला होगा। तीन महीने से ज्यादा समय तक चली सुनवाई में दोनों पक्षों ने अपनी दलीलें दी हैं। सोमवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में इस मामले में फैसला आने की उम्मीद है। सोमवार को आने वाले फैसले में यह तय हो जाएगा कि अदालत में दायर वाद सुनने योग्य है या नहीं। इस फैसले से पहले ही शहर में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई है। साथ ही पुलिस कमिश्नर ने धारा 144 लागू कर अलर्ट घोषित किया है।

पिछले सुनवाई में 12 सितंबर तारीख हुई थी निर्धारित
दोनों पक्षों के वकीलों ने काशी वासियों से शांति बनाए रखने की अपील भी की है। हिंदू पक्ष की ओर से इस मामले को सुनवाई योग्य करार देने के लिए कई साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। वहीं दूसरी ओर मुस्लिम पक्ष ने इस वाद को खारिज कराने के लिए अदालत को सबूत सौंपे हैं। खास बात तो यह है कि इस मामले में बहस के दौरान मुगल आक्रांता औरंगजेब तक के आदेशों का हवाला दिया गया है। गौरतलब है कि इस मामले में पिछली सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद जिला अदालत ने फैसला सुरक्षित रखते हुए 12 सितंबर की तारीख निर्धारित की है। इसी वजह से पूरे देश की निगाहें जिला जज के फैसले पर टिकी हुई है। 

अदालत में पेश किए गए साक्ष्य हिंदू पक्ष में
12 सितंबर को आने वाले फैसले के तमाम पहलुओं को लेकर हिंदू पक्ष के अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी का कहना है कि सबसे पहले हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मामले में श्रृंगार गौरी पूजा मामले को लेकर वाद दाखिल किया था। अदालत के द्वारा आदेश अपने पक्ष में आएगा और इसमें कोई संशय नहीं है। कोर्ट में प्रस्तुत किए गए सारे साक्ष्य हम लोगों के पक्ष में है। उन्होंने आगे कहा कि कोर्ट आज 7 रूल 11 को लेकर हो रही सुनवाई में फैसला सुना सकता है। यह फैसला इस बात को निर्धारित करेगा यह वाद सुनने योग्य है या नहीं। 

जो भी फैसला होगा हमें मंजूर होगा
दूसरी ओर मुस्लिम पक्ष के वकील मेराजुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि जो भी फैसला होगा, हमें मंजूर होगा। उन्होंने आगे कहा कि इस पूरे मामले में सर्वे से लेकर कमीशन हो या अन्य चीजें पर शासन प्रशासन के साथ-साथ अन्य लोगों ने हमारा पूरा सहयोग किया है। सिद्दीकी आगे कहते है कि कोर्ट में बहस अच्छी हुई और न्याय संगत बहस हुई है। इसके बाद उन्होंने काशीवासियों से अपील करते हुए कहा कि किसी भी प्रकार के बहकावे में ना आएं। पहले चीजों को अच्छे से पता कर लें उसके बाद ही किसी प्रकार का कमेंट करें। गौरतलब है कि काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर आधा दर्जन से ज्यादा मुकदमे अलग-अलग कोर्ट में लंबित हैं।  

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